उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से अनाथ हो चुके बच्चों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के बाद बाल संरक्षण आयोग उन्हें चिन्हित करने में तेजी से जुट गया है। रविवार को आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बताया कि महामारी से प्रभावित दो हजार से अधिक बच्चों को खोज लिया गया है।
कोरोना काल में निराश्रित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुवात की है। महामारी से प्रभावित इन पात्र बच्चों की देखभाल, भरण-पोषण, शिक्षा और आर्थिक सहायता की जिम्मा अब योगी सरकार उठाएगी।
डॉ गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में लगभग दो हजार अनाथ बच्चों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है। अब इन सभी बच्चों में योजना के अनुसार पात्र बच्चों को चयनित कर योगी सरकार सीधा लाभ देगी। पात्र बच्चों को योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए योजना की मॉनिटरिंग का कार्य भी किया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी के नियंत्रण में बनी समितियां जैसे बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई और ग्रामीण इलाकों में निगरानी समितियां इसकी मॉनिटरिंग करेंगी। इसके साथ ही प्रत्येक जनपद स्तर पर जिलाधिकारी और प्रदेश स्तर पर बाल संरक्षण आयोग भी इसकी निगरानी करेंगे।
युद्ध स्तर पर किया जा रहा योजना पर काम
महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि महिला कल्याण विभाग ने प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। जिससे ऐसे सभी बच्चों के सम्बंध में सूचनायें सम्बंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लॉक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जा रहा है।