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उप्र में विद्युत उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा कानून नए वर्ष में हाे सकता है लागू

Electricity

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लखनऊ। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में मुआवजा कानून (Compensation law ) को लागू कराने को लेकर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज से वार्ता की और प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन के साथ इस विषय पर बैठक की। नियामक आयोग द्वारा बनाए गए मुआवजा कानून (Compensation law ) को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और नए वर्ष में यह कानून लागू हो सकता है।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक से आज शक्ति भवन में मुलाकात के बाद उन्हें प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की ओर से राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर बधाई दी। वही प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन ने भी उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को इस अवसर पर हार्दिक बधाई दी।

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश के तीन करोड़ 26 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के लिए बनाए गए मुआवजा कानून (Compensation law ) को सभी बिजली कंपनियों में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से उसे अविलंब लागू करा कर उसका लाभ प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को दिलाने के लिए आज राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने जहां विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन श्री एम देवराज से फोन पर बात की।

वहीं पावर पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से शक्ति भवन में मुलाकात कर इस मुद्दे पर उनसे चर्चा की और अभिलंब आयोग द्वारा बनाए गए मुआवजा कानून को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से लागू कराने की मांग उठाई। उपभोक्ता परिषद ने इस पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा भी की जिससे यह स्पष्ट हो गया कि मुआवजा कानून को ऑनलाइन लागू करने के लिए लगभग पूरी तैयारी हो गई है।

श्री देवराज जो छुट्टी पर शहर से बाहर गए हुए हैं। उम्मीद है उनके आते ही नए साल में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को नियामक आयोग द्वारा बनाए गए मुआवजा कानून का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

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उपभोक्ता परिषद ने कहा विद्युत वितरण संहिता- 2005 में सभी उपभोक्ता समस्याओं और सुविधाओं चाहे वह नया कनेक्शन का मामला हो विद्युत व्यवधान का मामला हो बिलिंग संबंधी मामला हो या फिर मीटर संबंधी मामला हो। किसी भी प्रकार के ब्रेकडाउन का मामला हो उपभोक्ताओं के फोन उठाने का मामला हो व उपभोक्ताओं के लिए बनाए गए जो भी मानक है उसके लिए एक नियत समय निर्धारित किया गया है और यदि बिजली कंपनियां नियत समय में उपभोक्ताओं को उसका लाभ नहीं देंगी तो विद्युत उपभोक्ताओं को देरी के लिए मुआवजा दिए जाने का प्रावधान विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया गया है। जिसके संबंध में विद्युत नियामक आयोग ने दिसंबर 2019 में नियमावली को अधिसूचित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह पूरी व्यवस्था ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से लागू होनी थी जिससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को उसका लाभ सुचारू रूप से मिल पाए और मुआवजा कानून के तहत किसी भी देरी के लिए ऑनलाइन उनके बिजली बिल में ही भुगतान हो सके इसलिए थोडा विलंब जरूर हुआ है, लेकिन अब जिस प्रकार से पावर कारपोरेशन की कार्यवाही अंतिम चरण में चल रही है उससे पूरी तरीके से यह स्पष्ट हो गया है कि नए साल में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को आयोग द्वारा बनाए गए मुआवजा कानून का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

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