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कृषि कानून: राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस ने सदन के बाहर किया प्रदर्शन, मोदी नीति को बताया देश विरोधी

दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी सांसदों ने गुरुवार को किसानों की मांगों के समर्थन में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसद सुबह संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए और हाथों में तख्तियां लेकर सरकार को किसान, मजदूर तथा गरीब विरोधी बताकर नारेबाजी करने लगे।

प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसद हाथों में एक लंबा बैनर भी लिए थे जिसमें तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताकर उन्हें वापस लेने की मांग सरकार से की गई। कांग्रेस सांसदों ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी नारेबाजी की और कहा कि उनकी सरकार की नीतियां गरीब, मजदूर, कमजोरों, पिछड़ो तथा किसान विरोधी है।

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जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ाई गई

उधर, संसद के मानसूत्र सत्र के दौरान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की प्रदर्शन की योजना के मद्देनजर मध्य दिल्ली में जंतर-मंतर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. जंतर-मंतर, संसद भवन से कुछ ही दूरी पर है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघु बॉर्डर से जंतर-मंतर आएगा और वहां पूर्वाह्न 11 बजे से शाम पांच बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा.

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इस शर्त पर प्रोटेस्ट की मिली इजाजत

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे किसान सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। दिल्ली में जंतर-मंतर और बॉर्डर पर सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने किसानों को इस शर्त पर प्रदर्शन की इजाजत दी है कि वो संसद तक कोई मार्च नहीं निकालेंगे।

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केंद्र और किसान दोनों अड़े

देश के किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान संगठनों की केंद्र सरकार से 10 दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसान तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि वह किसानों की मांगों के मुताबिक कानूनों में बदलाव कर सकती है, लेकिन कानून वापस नहीं लिए जाएंगे।

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