हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ‘मैं थारा’ का भी करारा जवाब देते हुए कहा कि मैं भी बरोदा का गोहांडी हूं और राज्य के चप्पे-चप्पे से मेरा रिश्ता है।
श्री खट्टर ने शनिवार को विभिन्न चुनावी सभाओं में कहा कि महम चौबीसी के अंतर्गत निंदाना गांव में मेरा जन्म 1953 में हुआ है। उन्होंने बरोदावासियों से भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी (जजपा) प्रत्याशी योगेश्वर दत्त के लिए भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि आप मेरे हैं, किंतु आपने मुझे अपना माना है कि नहीं इसका पता उप-चुनाव के परिणाम आने पर पता चलेगा।
श्री खट्टर और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आज बरोदा हलके के गांवों के दौरे पर थे, जिसकी शुरुआत उन्होंने मुडलाना गांव से की। इसके उपरांत उन्होंने शामड़ी, भैंसवाल और जसराना में जनसभाएं की।
राजभवन में सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि श्री भूपेंद्र हुड्डा ने अपने रिश्ते राजस्थान और अन्य प्रदेशों में बनाकर हरियाणा से रिश्तों को भुला दिया। मैंने हल चला रखा है खेती की है। किसानों का दु:ख-दर्द अच्छे से समझता हूं। इसलिए किसान का जितना भला हम कर सकते हैं कांग्रेस उतना सोच भी नहीं सकती। पिछले शासनकाल में सत्ता में आते ही फसल खराब होने पर किसानों को रिकॉर्ड मुआवजा दिया। भाजपा सरकार किसानों को 4800 करोड़ रुपये का फसली मुआवजा दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता के बिना तड़प रही है, तभी वह झूठ फैला रही है। तीनों कृषि कानूनों, धारा-370, राम मंदिर, सीएए इत्यादि को लेकर भ्रम व डर फैलाने का काम किया। जबकि आज चहुंओर शांति कायम है। इसी प्रकार मंडी और एमएसपी भी खत्म नहीं होगा।
यूपी में फिर दंगों की एक नई श्रृंखला शुरू करना चाहती है सपा : सीएम योगी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भाजपा-जजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगते हुए कहा कि तीन नवंबर तक गेंद आपके पाले में है और 11 नवंबर के बाद गेंद हमारे पाले में होगी। जब हमारी बारी आएगी तो हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बरोदा हलके के लिए अपना अलग से एक ओएसडी नियुक्त कर दूंगा। उन्होंने कहा कि बरोदा पिछड़ा हुआ है जिसका कारण यहां के जनप्रतिनिधि रहे हैं। यदि यहां के विधायक उनके समक्ष अपने हलके के लिए योजनाएं लाते व समस्याएं उठाते तो सब काम होते। इसी प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी उनके पास कोई काम लेकर नहीं आते। जबकि बहुत से विपक्षी विधायक काम बताते हैं जिन्हें पूरा भी करवाया जाता है।