लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कड़ी टक्कर दे सकती है। कांग्रेस यूपी में प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने को तैयार दिख रही है। इस बात के संकेत खुद प्रियंका गांधी ने दिए हैं।
यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प और राजनीतिक संघर्ष से भरे हो सकते हैं। यह कहने में कतई परहेज नहीं है कि राजनीतिक दलों को एक- एक सीट और एक-एक वोट के लिए जूझना पड़े। वजह है प्रदेश की मौजूद दो ध्रुवीय राजनीति में कांग्रेस का तेजी के साथ हो रहा उभार है, जिसके दम पर कांग्रेस भी आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने की तैयारी में है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को एक मीडिया साक्षात्कार में इस आशय के संकेत दिए हैं।
प्रियंका ने यूपी कांग्रेस की राजनीति में सक्रियता बढ़ी
कांग्रेस कार्यकर्ता लंबे अरसे से प्रियंका गांधी वाड्रा को राजनीति में लाने की मांग करते रहे हैं। जब से प्रियंका ने उत्तर प्रदेश प्रभारी के तौर पर कांग्रेस की राजनीति में सक्रियता बढ़ाई है। तब से पार्टी कार्यकर्ता उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चेहरा बनाने की बात करने लगे हैं। कांग्रेसियों का मानना है कि प्रियंका के मुख्यमंत्री चेहरा बनने का उन्हें चुनावी फायदा होगा । इसके साथ ही पार्टी में वरिष्ठ नेताओं के अलग–अलग गुट भी एक स्थान पर आकर एकजुट हो सकेंगे।
बुधवार को प्रसारित एक मीडिया साक्षात्कार में प्रियंका गांधी को यह कहते सुना गया कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के लिए अगर उनसे हाईकमान कहेगा। तो कार्यकर्ता होने की वजह से वह नेतृत्व के निर्णय का सम्मान करेंगी। जब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी क्या कांग्रेस के अगले अध्यक्ष बनेंगे। तो उन्होंने बेहद सधा जवाब देते हुए कहा कि यह सवाल राहुल से ही पूछा जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में उनकी अति सक्रियता के बाबत सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रभारी होने की वजह से उनका पूरा ध्यान यूपी पर है। जहां तक हाथरस जाने का सवाल है तो गरीबों व कमजोरों की मदद व इंसाफ के मामले में वह हमेशा आगे रहने को तैयार हैं। कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भी कांग्रेस की ओर से उन्होंने मदद की पेशकश की लेकिन योगी सरकार ने उसे स्वीकार करने के बजाय राजनीति कर डाली।
अपनी रणनीति का संकेत दिया प्रियंका गांधी ने
यूपी में पुराने कांग्रेसी नेताओं को सम्मानजनक पद नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है। इसका संगठन आकार बहुत बड़ा है। यूपी में काम शुरू करने के बाद उन्होंने यह महसूस किया कि संगठन की जिम्मेदारी जिन लोगों को भी दी जाए। उन्हें जवाबदेह भी बनाया जाए। इसके लिए संगठन का आकार छोटा करना पड़ा। अपनी रणनीति का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता प्रदेश के सभी 60 हजार गांवों तक जाकर लोगों से संपर्क करेगा। उनकी समस्याओं के लिए संघर्ष करेगा। हमारी कोशिश यूपी के सभी गांवों में पार्टी कार्यकर्ता तैयार करने की है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से यूपी की राजनीति नहीं की जा सकती है। इसलिए उन्होंने यूपी में ज्यादा वक्त देने का फैसला किया है। इस वजह से यूपी आना-जाना भी ज्यादा हो रहा है। हाथरस कांड में हाईकोर्ट की सरकार और अधिकारियों पर की गई टिप्पणी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार ने उन्हें भी बताया था कि बेटी का अंतिम संस्कार जबरन कराया गया है।
जब अंतिम संस्कार हुआ तब वहां परिवार का कोई सदस्य नहीं था। परिवार के लोगों ने बेटी का आखिरी बार चेहरा भी नहीं देखा। अब सीबीआई जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट से सब पता चल जाएगा, लेकिन परिवार के लोगों ने जो उन्हें बताया वही बात हाईकोर्ट में भी कही है। इसलिए ही हाईकोर्ट ने ऐसा एक्शन लिया है।