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विधायक के सवाल पर सिपाही ने पलटकर किया सवाल, मामला पहुंचा विधानसभा, अध्यक्ष बोले…

विधायक जटाशंकर त्रिपाठी

विधायक जटाशंकर त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया पुलिस द्वारा पकड़ियार बाजार में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज करने और विधायक के सवाल करने पर उल्टे सिपाहियों द्वारा उन्हीं से सवाल जवाब करने के मामले को विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया है।

अधिकृत सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि विधानसभा के उप सचिव ने इस मामले में संसदीय कार्य विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा है। आख्या मांगी है ताकि इस मामले में अनुश्रवण समिति आगे की सुनवाई कर सके। बीते पांच सितंबर को नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के पकड़ियार बजार के व्यापारियों ने पुलिसिया उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन किया था। यह बाजार विधानसभा खड्डा में आता है।

सूचना पर विधायक जटाशंकर त्रिपाठी भी पहुंचे थे। आरोप है कि पुलिस ने उनके सामने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया था। विधायक का आरोप है कि जब उन्होंने पुलिस के एक एसआई से टोपी नहीं पहनने को लेकर सवाल किया तो सिपाही उल्टे उन्हीं से सवाल जवाब करने लगे। विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की है कि एसओ नेबुआ नौरंगिया ने लोगों पर लाठीचार्ज के विसिल से संकेत दिया था। इसके अलावा पुलिस ने उनके प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया।

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विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं। विधान सभा के उप सचिव मसरूर अली ने उत्तर प्रदेश शासन के संसदीय कार्य विभाग को पत्र लिख कर इस मामले में कार्रवाई के लिए कहा है। साथ ही कार्रवाई की आख्या एक सप्ताह के अंदर पांच प्रतियों में उपलब्ध कराने को कहा है ताकि मामले में विधानसभा की अनुश्रवण समिति आगे की कार्रवाई कर सके।

इस संबंध में विधायक खड्डा जटाशंकर त्रिपाठी का कहना है कि पुलिस ने मामले में जानबूझ कर गलत कार्रवाई की। मेरे सवाल करने पर उल्टे मुझसे ही उलझ गए। जनता के हित के प्रति जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस भी जवाबदेह है।

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नेबुआ नौरंगिया पुलिस ने इस मामले में 18 नामजद सहित 500 अज्ञात लोगों पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन, महामारी एक्ट, 7 सीएलए समेत तमाम गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। तत्कालीन एसओ अनुज सिंह ने सभी आरोपियों पर गिरफ्तारी का दबाव भी बनाना शुरू कर दिया। सभी आरोपी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे।

उनकी मांग थी कि दर्ज मुकदमे को निरस्त कर दिया जाए। हाईकोर्ट ने मुकदमे को तो निरस्त करने से इनकार कर दिया है मगर इस मामले में विवेचना पूरी होने तक किसी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

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