गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को भव्य शोभायात्रा के साथ मानसरोवर रामलीला स्थल पहुंचे, जहां भगवान राम का तिलक किया। इस दौरान उन्होंने भगवान राम के चरित्र को अपनाने की लोगों से अपील की।
कहा कि आज विजयदशमी का त्यौहार है। पूरे देश के अंदर और दुनिया में जहां कहीं भी भारत का नागरिक निवास करता है, इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाता है। इस पर्व को सम-विषम परिस्थिति में अपने घर अपने परिवार के बीच मनाता है। भगवान श्रीराम ने युगों पूर्व अत्याचार व उत्पीड़न के प्रतीक रावण का वध किया था। इस घटना को आज भी हम रामलीला के माध्यम से देखते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा व्यक्तिगत जीवन हो या सार्वजनिक जीवन हो हर एक स्तर पर भगवान के आदर्श को जीवन का हिस्सा मानकर उस पथ का अनुसरण करना चाहिए। विषम परिस्थितियों में धैर्य न खोकर चुनौती का सामना करना चाहिए। सदैव सत्य के मार्ग का अनुसरण ही करना चाहिए।
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कहा कि मध्यकाल में जब विदेशियों के चलते संस्कृति खतरे में पड़ी थी, तब तुलसीदास ने राष्ट्रीय चेतना व संस्कृति की रक्षा के लिए ऐसे आयोजनों की शुरुआत की गयी। रामलीला सांस्कृतिक जागरण का एक सशक्त माध्यम है। जो गांव-गांव में एक नयी प्रेरणा दे रहा है। और इसी प्रेरणा से हम सभी जुड़े हैं। कहा कि गोरक्षपीठ भी सैकड़ो वर्ष पुरानी इसी परंपरा का निर्वहन कर रहा है।
गोरक्षपीठाधीश्वर ने कहा कि न्याय सदैव सत्य के साथ रहता है और सत्य धर्म का मार्ग प्रशस्त करता है। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, जो इसी मार्ग की देन है। स्थितियां इस बात को प्रदर्शित करती हैं कि आमजन के नजर में नेतृत्व सही है और उनकी नीति और नियत में खोट नहीं है तो सफलता अवश्य मिलेगी। इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में आयुष के महत्व की भी सराहना की।