आजकल इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कुछ लोग आपने काम की वजह से खुद पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते है लेकिन काम के साथ-साथ खुद पर भी ध्यान देना ज्यादा जरूरी है इसलिए फलों, सब्जियों और दही के सेवन का एक नया फायदा सामने भी आया है। इस तरह के आहार का संबंध विभिन्न प्रकार के स्ट्रोक के निम्न खतरे से पाया गया है। नए अध्ययन से पता चला है कि उच्च मात्रा में फलों, सब्जियों और दुग्ध उत्पादों का सेवन करने से इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता हैं।
यूरोपीय हार्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, करीब चार लाख 18 हजार लोगों पर इस्केमिक और हेमरेजिक स्ट्रोक को लेकर अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में उच्च मात्रा में फलों, सब्जियों, फाइबर, दूध, पनीर और दही का सेवन करने वालों में इस्केमिक स्ट्रोक का निम्न खतरा पाया गया।
लेकिन इस तरह के खानपान का हेमरेजिक स्ट्रोक के निम्न खतरे से कोई उल्लेखनीय संबंध नहीं पाया गया। ज्यादा मात्रा में अंडा खाने वालों में भी हेमरेजिक स्ट्रोक के निम्न खतरे का पता चला है, लेकिन इस्केमिक स्ट्रोक के जोखिम पर इसका कोई असर नहीं पाया गया।
डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती है ई-सिगरेट
पारंपरिक सिगरेट के सुरक्षित विकल्प के दावे के साथ पेश की गई ई-सिगरेट का एक और नुकसान सामने आया है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों में हानिकारक मेटल्स जमा हो सकते हैं। इस तरह के मेटल से डीएनए को नुकसान पहुंच सकता हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ई-सिगरेट पीने वाले लोगों में इस लत के प्रभाव और संभावित नुकसान को इंगित करने वाले बायोमार्कर के स्तर में इजाफा हो जाता है। अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रू टालबोट ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से जाहिर होता है कि ई-सिगरेट पीने वाले लोगों में हानिकारक मेटल्स खासतौर पर जिंक की सघनता बढ़ जाती है। इसका परस्पर संबंध ऑक्सीडेटिव डीएनए क्षति से होता हैं।