उत्तर प्रदेश में दिन-प्रतिदिन कोरोना का केस रसातल में जा रहा है। योगी सरकार का दावा है कि प्रदेश में कोरोना बैकफुट पर आ गया है और उनका ट्रिपल-टी फार्मूला ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट महामारी पर भारी साबित हो रहा है। टीम-09 के साथ शनिवार को बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि बीते 24 घंटे में 6 हजार 46 केस मिले हैं। वहीं, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 17 हजार 540 है।
शनिवार को सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया की सबसे खतरनाक महामारी प्रदेश में बैकफुट पर है। देश के कई राज्यों में कोहराम मचा रहे कोरोना का दांव ट्रिपल टी फार्मूले के सामने फेल हो गया। पिछले 21 दिन में कोरोना मामलों में 2.15 लाख की कमी इसकी गवाही दे रही है।
उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा और सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के बावजूद कोरोना के सबसे कम केस वाले प्रदेशों की सूची में है। उन्होंने दावा किया कि यहां एक दिन में सबसे ज्यादा 3.07 लाख टेस्ट किया गया।
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उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्यों के जरिये गांवों में कोरोना को घर-घर ट्रेस कर 31 मार्च से 22 मई तक लगभग 75 लाख कोविड टेस्ट किए। 31 मार्च से 18 मई के बीच प्रदेश में कुल 1 करोड़ 7 लाख 26 हजार 406 कोविड टेस्ट किए गए।
प्रवक्ता ने कहा कि शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में आक्रामक टेस्टिंग की रणनीति को अंजाम देने के लिए राज्य सरकार ने लैबों की क्षमता में वृद्धि की है। इसके तहत प्रदेश की लैबों में कुल 51 नयी आरटीपीसीआर मशीनें, 35 सेमी आटोमेटिक डीएनए एक्स्ट्रैक्टर और 503 अतिरिक्त लोगों को लगाया गया है।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 2 करोड़ आरटीपीसीआर टेस्ट किए जा चुके हैं। पहले 1 करोड़ टेस्ट करने में जहां लगभग 11 महीने का समय लगा था। वहीं, दूसरे 1 करोड़ टेस्ट के आंकड़े को पार करने में महज 4.5 महीने का समय लगा। इससे टेस्ट की क्षमता और गति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन सुरक्षा कवर देने के मामले में भी सरकार देश में सबसे आगे है। जहां मुम्बई, दिल्ली और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में वैक्सीन की कमी से वैक्सीनेशन बंद रहा। वहीं, योगी सरकार वैक्सीनेशन लगातार तेज कर रही है।