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यूपी में बढ़ा कोराेना का कहर : इन सात जिलों पर सरकार की विशेष नजर

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित सात जिलों में सरकार ने अतिरिक्त सर्तकता बरतने के निर्देश दिये हैं, साथ ही वर्षाजनित संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिये स्वच्छ पेयजल और आर्युवेदिक काढ़ा के इस्तेमाल की अपील लोगों से की है।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4687 नये मामले आये है। प्रदेश में 47,890 कोरोना के मामले एक्टिव हैं, जिसमें 18,412 मरीज होम आइसोलेशन, 1373 लोग प्राइवेट हास्पिटल में तथा 155 मरीज सेमी पेड फैसिलिटी में तथा इसके अतिरिक्त शेष कोरोना संक्रमित एल-1, एल-2, एल-3 के कोरोना अस्पतालों में है। अब तक 72,650 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं।

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उन्होने कहा कि कोरोना बचाव के प्रति अग्रिम रणनीति बनाकर कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है। कोविड-19 संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित लखनऊ, कानपुर,प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, झांसी, वाराणसी में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं। इन जिलों में कोरोना के ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जायेंगे। हर जिले में एल-2 तथा एल-3 के कोविड बेड्स की संख्या बढ़ाई जायेगी। सहारनपुर में एल-3 स्तर का अस्पताल शीघ्र बनाया जायेगा जबकि शामली तथा बरेली में डेडिकेटेड कोविड चिकित्सालय अतिशीघ्र क्रियाशील किया जायेगा।

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श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 99,869 सैम्पल की जांच की गयी। इस प्रकार कोविड-19 की जांच में 31 लाख का आकड़ा पार करते हुए प्रदेश में अब तक 31,18,567 सैम्पल की जांच की गयी है। पूल टेस्ट के अन्तर्गत कल 2996 पूल की जांच की गयी, जिसमें 2790 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 206 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी।

उन्होने बताया कि इस मौसम में वैक्टर जनित बीमारियां जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, इत्यादि तथा जलजनित बीमारियां जैसे डायरिया, डेसेन्ट्री आदि का खतरा बढ़ जाता है। लोग सुरक्षित जल श्रोतों से ही पीने के पानी का उपयोग करें। यदि यह सुनिश्चित न हो कि पानी सुरक्षित जल श्रोत का है तो पानी को उबालकर और उसे छानकर ही पीने के लिए उपयोग करें। कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर इत्यादि के पानी को निरन्तर बदलते रहें।

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