रांची। झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और मंत्री-विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों के इस जानलेवा संक्रमण की चपेट में आने की वजह से झारखंड विधानसभा को 27 जुलाई तक बंद कर दिया गया है। विधानसभा सचिवालय ने राज्य की सबसे बड़ी पंचायत को बंद करने का फैसला किया है, ताकि अन्य जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों में कोविड19 का संक्रमण न फैले। गुरुवार को सचिवालय ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है।
सचिवालय से जारी आदेश में कहा गया है कि झारखंड विधानसभा के कई सदस्यों एवं कर्मचारियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की सूचना मिली है। ऐसे में उनके संपर्क में यदि अन्य लोग आयेंगे, तो उनके भी इस जानलेवा विषाणु से ग्रस्त होने की आशंका बढ़ जायेगी। कोरोना वायरस की इस वैश्विक महामारी के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए झारखंड विधानसभा सचिवालय को 23 जुलाई से 27 जुलाई तक पूर्णत: सील किया जाता है।
इन चार दिनों में पूरी विधानसभा भवन को सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है. इस आदेश में तीन निर्देश दिये गये हैं। पहला निर्देश यह है कि झारखंड विधानसभा की समितियों की सभी बैठकें तत्काल प्रभाव से 31 जुलाई तक स्थगित रहेगी। दूसरे निर्देश में कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आये सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया है कि वे खुद को कोरेंटिन कर लें।
इतना ही नहीं, कर्मचारियों और पदाधिकारियों से कहा गया है कि यदि उन्हें लगता है कि उन्हें कोरोना हो सकता है या कोरोना के कोई भी लक्षण उनमें दिखते हैं, तो वह अपनी कोविड19 जांच जरूर करवा लें। तीसरे और अंतिम निर्देश में कहा गया है कि मंगलवार से झारखंड विधानसभा में लॉकडाउन के दौरान केंद्र और राज्य सरकार के नियमों का पालन करते हुए पहले की तरह काम शुरू हो जायेगा।
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उल्लेखनीय है कि झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर और उनके परिवार के सदस्य पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक मथुरा महतो में भी इस विषाणु का संक्रमण पाया गया था। बुधवार को झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष (स्पीकर) और रघुवर दास सरकार में नगर विकास मंत्री रहे रांची के विधायक चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने ट्वीट करके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी।
चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने अपने समर्थकों और उन तमाम लोगों, जो उनके संपर्क में आये थे। उन्होंने अपील की थी कि वे सभी लोग कोरेंटिन में रहें और अपनी जांच करवा लें। ज्ञात हो कि मिथिलेश ठाकुर और मथुरा महतो के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्यमंत्री कार्यालय के तमाम पदाधिकारी कोरेंटिन में चले गये थे। सभी की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सीएमओ में कामकाज शुरू हुआ।