कोरोना वायरस (Corona) का खतरा अभी पूरी दुनिया से टला नहीं है। यूरोप और कई एशियाई देशों में कोरोना की मार से लोगों के हाल बेहाल हैं। इसकी चिंगारी अब भारत में पहुंच गई है। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई इलाकों में कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। इस बार कोरोना की मार सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रही है। दिल्ली-NCR के कई स्कूलों में बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे परिजनों में चिंता का माहौल है। अभी तक कोरोना की बाकी लहरों पर बच्चों पर खास असर नहीं पड़ा था।
इस बार बच्चे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट XE में चपेट में तेजी से आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बच्चों में कोरोना के लक्षण काफी माइल्ड है। समय से इलाजा कराने पर तेजी से ठीक हो रहे हैं। लिहाजा अभिभावकों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन बच्चों में कोरोना के लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है।
बच्चों में XE वेरिएंट के लक्षण
कोरोना वायरस के XE वेरिएंट के अन्य वेरिएंट के मुकाबले काफी तेजी से फैलता है। ऐसे में बच्चों को इस वेरिएंट से बचाना बेहद जरूरी है। बच्चों में बुखार, नाक बहना, गले में दर्द, शरीर में दर्द, सूखी खांसी, उल्टी आना, लूज मोशन, जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि कोरोना के इस नए वेरिएंट से संक्रमित बच्चों को शरीर में सूजन भी हो सकती है। इस सूजन का सामना बच्चों को कई हफ्तों तक करना पड़ सकता है। बच्चों के शरीर सूजन की इस स्थिति को मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) कहा जाता है। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बच्चों को कोरोना से बचने के उपाय
एक्सपर्ट के मुताबिक, माता-पिता के लिए यह बेहद जरूरी है कि उनके बच्चे स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें, अच्छी तरह से खाएं और सोएं, स्वच्छता से जुड़ी आदतों का पालन करें। बच्चों को बाहर बहुत कम निकलने दें। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए खानपान पर ध्यान दें। इसके साथ ही अगर बच्चे वैक्सीनेशन के लिए पात्र हैं, तो उन्हें जल्द ही वैक्सीन लगवा देनी चाहिए।