नई दिल्ली : कोविड-19 के कारण जिंदगी पर जैसे एक ब्रेक सा लग गया था। बस इसी विराम को दोबारा रफ्तार देकर पटरी पर लाने के लिए कई राज्यों ने स्कूल खोले थे। पहले तो बच्चे ही बेहद कम आए, जहां आए वहां पर टीचर्स और बच्चों में कोरोना के मामले सामने आने लगे।
महाराष्ट्र जो कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं, वहां जब लंबे लॉकडाउन के बाद सोमवार (23 नवंबर) को 25 जिलों में स्कूल खुले तो केवल 5% अटेंडेंस रही। दिल्ली में तो कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद स्कूल खुलने की सारी संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ‘वैक्सीन मिलने तक स्कूल खुलना मुश्किल है।’ दिल्ली के नक्शेकदम पर चलकर कई राज्य स्कूल बंद करने का विचार कर रहे हैं।
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क्या वैक्सीन आने का इंतजार करेंगे और भी राज्य?
दिल्ली के डेप्युटी सीएम ने संभावना जताई है कि वैक्सीन आने तक स्कूल नहीं खोले जाएंगे। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सिसोदिया ने यह बात कही। दिल्ली इस वक्त कोरोना की तीसरी लहर से धीमे-धीमे रिकवर कर रही है। अगले साल की शुरुआत तक वैक्सीन आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं, ऐसे में दिल्ली की तरह कई राज्य तब तक स्कूल बंद रख सकते हैं। हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश, समेत कई अच्छी-खासी आबादी वाले कई राज्यों में छोटी कक्षाओं के स्कूलों को बंद रखा जा सकता है।
केस बढ़ने की वजह से बंद किए स्कूल
देशभर में 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के साथ ही स्कूल बंद कर दिए गए थे। करीब पांच महीने बाद सरकार ने 21 सितंबर से, अनलॉक के तहत कक्षा 9 से 12 के स्कूल खोलने की इजाजत दी। छोटी कक्षाओं के स्कूल खोलने की अनुमति महीना भर पहले मिली। स्कूलों में कोविड से जुड़ी सभी सावधानियों का पालन होना था। अटेंडेंस की बंदिश नहीं थी। कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार से छूट मिलने पर स्कूल खोले मगर अधिकतर ने बंद रखे। उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक वगैरह में स्कूल खुलने पर मामले बढ़ने लगे तो फिर स्कूल बंद कर दिए गए। दिल्ली ने पूरे समय स्कूल बंद ही रखे। महाराष्ट्र ने कोरोना काबू में आता देख 23 नवंबर से स्कूल खोले हैं।