लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना महामारी के इस दौर में हमें अपनी इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। शुरुआत से ही यह बात कही जा रही है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को कोरोना आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है। ऐसे में इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए देश के ज्यादातर घरों में जिस एक चीज का सेवन बढ़ा है, वह है आयुर्वेदिक काढ़ा।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जरूरी उपायों में काढ़ा पीना भी हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। हालांकि पिछले कुछ महीनों से ऐसा भी लगातार सुनने को मिल रहा है कि काढ़ा का ज्यादा सेवन हानिकारक हो सकता है। ज्यादा काढ़ा पीने से खासतौर से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। काढ़ा पीने की सलाह देने वाले आयुष मंत्रालय ने ऐसे सवालों पर विराम लगाया है। आइए जानते हैं इस पर आयुष मंत्रालय का क्या कहना है:
आयुष मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि काढ़ा पीने से शरीर को नुकसान नहीं होता है। मंत्रालय की ओर से यह बताया गया है कि काढ़ा पीने से शरीर स्वस्थ और निरोग बनता है। काढ़ा का सेवन ताउम्र भी किया जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को काढ़ा का सेवन करने से नुकसान हो भी रहा है तो हो सकता है कि उसे पहले से लिवर की समस्या हो। काढ़ा से नुकसान इस बात पर भी निर्भर करता है कि काढ़ा किन चीजों से और कितनी मात्रा में लेकर बनाया जा रहा है।
आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने को लेकर काढ़ा पीने, हल्दी युक्त दूध पीने, च्यवणप्राश का सेवन करने आदि उपाय करने का सुझाव दिया था। आयुर्वेद के अनुसार काढ़ा में इस्तेमाल होने वाले मसाले औषधि की तरह होते हैं, जो प्रकृति द्वारा स्वस्थ शरीर के लिए दी गई अमूल्य विरासत हैं।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि काढ़ा पीने से लिवर को किसी तरह का नुकसान पहुंचने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। आयुष मंत्रालय की ओर से तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, अदरक और किशमिश का उपयोग कर काढ़ा तैयार करने की सलाह दी गई थी। साथ ही काढ़ा का सेवन दिन में दो बार करने के लिए कहा गया है।
वैद्य कोटेचा ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति इस तरीके को ध्यान में रखते हुए काढ़े का सेवन करता है तो उसे लिवर संबंधी कोई समस्या नहीं हो सकती है। नियमानुसार काढ़ा का सेवन करें ताकि आपका शरीर निरोग रहे और कोरोना वायरस संक्रमण से बचे रहें। काढ़ा में इस्तेमाल की गई सामग्री प्राकृतिक हैं और भारतीय समाज में भोजन बनाने में इनका उपयोग नियमित तौर पर होता रहा है।
आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने कहा है कि कोविड-19 महामारी में काढ़े का सही-सही प्रभाव जानने के लिए शोध कार्य जारी है। मालूम हो कि कोरोना वायरस हमारी श्वसन प्रणाली पर ही सबसे पहले हमला करता है और काढ़ा के सेवन से हमारा श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।