बागपत। उत्तर प्रदेश में बागपत जनपद के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) एम एल व्यास पर भ्रष्टाचार (Corruption) के कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं और इस संबंध में जिलाधिकारी की ओर से शासन को भेजी गई संस्तुति के आधार पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बागपत के मुख्य विकास अधिकारी एमएल व्यास भ्रष्टाचार, अधीनस्थों पर दबाव बनाने, बिना रिश्वत के कार्य नहीं करने और गोवंश का संरक्षण नहीं करने सहित विभिन्न आरोप लगे हैं। जिलाधिकारी की जांच आख्या के आधार पर ग्राम्य विकास आयुक्त गौरीशंकर प्रियदर्शी ने मुख्य विकास अधिकारी को लखनऊ मुख्यालय पर संबद्ध करने और कार्रवाई करने की संस्तुति कर दी है। अब माना जा रहा है कि बागपत सीडीओ पर कार्रवाई तय है।
सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी पहले ही मुख्य विकास अधिकारी का यहां से तबादला करने और दूसरे अधिकारी को यहां नियुक्त करने की संस्तुति जनपद स्तर से की थी। उनके रहते हुए जनपद व विकास भवन में सरकार की मंशा के अनुरूप विकास कार्य नहीं हो रहा था, जिस पर जिलाधिकारी को संस्तुति करनी पड़ी थी।उधर, बागपत विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक योगेश धामा ने भी सीडीओ एमएल व्यास के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के साथ ही जनपद में विकास कार्यों के प्रति शिथिलता बरत रहे हैं।विधायक ने उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
विधायक की शिकायत के बाद गत पांच सितंबर को जिलाधिकारी जेपी सिंह ने भी अपनी जांच आख्या शासन को भेजी थी, जिसमें उनके तीन माह का आंकलन करते हुए आरोप लगाया था कि सीडीओ शासकीय कार्यों तथा योजनाओं के अनुश्रवण में रूचि नहीं रखने वाले शिथिल अधिकारी है। इन्हें शासकीय कार्य के लिए बार-बार स्मरण कराना पड़ता है। शासन द्वारा गौ आश्रय स्थलों के रख-रखाव एवं गोवंशों के संरक्षण में वह असफल रहे हैं। उनके ढुलमुल रवैये के कारण गोवंशों की समस्या जनपद में बनी हुई है।
जांच आख्या में डीएम ने जनपद में संचालित अटल भूजल योजना के कार्य निर्वहन में भी सीडीओ द्वारा शिथिलता बरतते हुए वित्तीय भुगतान के लिए त्रुटिपूर्ण पत्रावली प्रस्तुति की थी। उन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई थी। चेतावनी बेअसर दिखाई देने के बाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीडीओ का तबादला जल्द से जल्द दूसरे स्थान पर करने की संस्तुति शासन से की थी। इसके बाद ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने कार्रवाई की संस्तुति करते हुए उनको तत्काल कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास मुख्यालय से संबद्ध कर उनके विरूद्ध कार्रवाई करने की संस्तुति की है।