प्रयागराज। गोहत्या के एक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आरोपी को इस शर्त पर जमानत (Bail) दी है कि वह एक महीने गौशाला (Gaushala) में गायों की सेवा करेगा और रिहाई के एक महीने के भीतर बरेली की एक पंजीकृत गौशाला में एक लाख रुपये दान करेगा। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने सलीम उर्फ कालिया नाम के व्यक्ति की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
आरोपी सलीम के खिलाफ बरेली के भोजीपुरा पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 379 और उत्तर प्रदेश गोहत्या रोधी कानून की धारा 3ा8 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल निर्दाेष है और उसे सह-आरोपियों के कबूलनामा के आधार पर झूठा फंसाया गया है।
वकील ने यह शपथपत्र भी दिया कि यदि उनके मुवक्किल को रिहा किया जाता है तो वह बरेली की गौशाला में एक लाख रुपये दान करेगा और एक महीने गौशाला में सेवा भी देगा। तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर कर ली तथा उससे एक निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानत (Bail) , जिससे निचली अदालत संतुष्ट हो, जमा करने को कहा।
अदालत ने इस शर्त के साथ जमानत (Bail) मंजूर की कि याचिकाकर्ता रिहा होने के एक महीने के भीतर बरेली की पंजीकृत गौशाला में एक लाख रुपये दान करेगा और गौशाला में एक महीने तक गायों की सेवा करेगा।
अदालत ने बीते बुधवार को पारित आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता एक शपथपत्र भी देगा कि वह गवाही की तारीख पर सुनवाई टालने की मांग नहीं करेगा और शर्त के उल्लंघन पर निचली अदालत के लिए इसे आजादी का दुरुपयोग मानने और कानून के मुताबिक आदेश पारित करने का विकल्प खुला रहेगा।