लखनऊ। कोरोना वैक्सीनेशन में कोविन एप की समस्या आए दिन हो रही है। शुक्रवार को भी यह एप ठप हो गया। इससे लाभार्थियों की जानकारी अपलोड करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पहले चरण से अब तक कोविन-एप में कई बार समस्या आ चुकी है। इस वजह से स्वास्थ्य कर्मचारियों के नाम मैनुअल ही लिखे गए।
टीकाकरण से पहले कोविन एप पर कर्मचारी की जानकारी मिलान की जाती है। वहीं टीका लगाने के बाद उसे अपलोड किया जाता है। एप के माध्यम से लाभार्थी को प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। जिसमें वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने की तारीख का जिक्र होता है। कोविन एप ने सुबह से बेहाल किया। बार-बार एप ठप होता रहा।
खामियों की वजह से टीका लगवा चुके लाभार्थी का नाम दूसरी बार भी सूची में शामिल हो गया है। इस समस्या से अधिकारी दिन भर बेहाल रहे। लोकबंधु में कुल 77 कर्मचारियों को टीका लगना था। इसमें 19 नाम दोबारा सूची में मिले। उन नामों को हटाने पर 58 कर्मचारी बचे। इनमें 41 कर्मचारी को टीका लगा। लोकबंधु अस्पताल की सीएमएस डॉ. अमिता यादव ने बताया कि जिन कर्मचारियों के नाम दोबारा दर्ज थे, उन्हें एप से हटा दिया गया है।
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टीका लगवाने में डॉक्टर पीछे हैं। वहीं कर्मचारी आगे नजर आए। दूसरे और तीसरे अभियान में करीब 50 फीसदी आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, एएनएम ने टीका लगवाया। बहुत से महिला कर्मचारियों ने गर्भवस्था, शिशुओं को स्तनपान कराने वाली महिला कर्मचारियों ने टीका नहीं लगवाया।
दूसरे, तीसरे और चौथे अभियान में सीएचसी का ग्राफ करीब 42.60 फीसदी तक रहा। दूसरे अभियान में निजी अस्पतालों में एरा मेडिकल कॉलेज में सिर्फ एक महिला ने टीकाकरण कराया। टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज में 233 में 119 ने टीकाकरण कराया। सिविल अस्पताल में 74 में 18 महिला कर्मचारियों ने टीकाकरण लगवाया। केजीएमयू में 498 में सिर्फ 66 महिलाकर्मी शामिल रहीं। झलकारीबाई में 100 में 30 महिला कर्मचारियों ने टीका लगवाया। कोरोना टीकाकरण के चार अभियान मे प्राइवेट अस्पताल अव्वल रहे। तकरीबन 70 फीसदी टीकाकरण प्राइवेट अस्पतालों में हुआ। पीजीआई, लोहिया और केजीएमयू में 50 से 65 फीसदी रहा।