मुंबई| घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि ऋण की किस्त (लोन मोरॉटोरियम) के भुगतान पर रोक की सुविधा का लाभ लेने वाली ज्यादातर कंपनियां कोविड-19 महामारी से पहले से संकट में थीं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इन कंपनियों की रेटिंग निवेश ग्रेड से नीचे की है। ऋण भुगतान छूट की अवधि सोमवार यानी आज समाप्त हो रही है।
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कोविड-19 महामारी से प्रभावित कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को राहत के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च में कर्ज की किस्त के भुगतान की छूट दी थी। हालांकि, ऐसे खातों पर ब्याज बढ़ता रहेगा, लेकिन इसे कर्ज भुगतान में चूक या डिफॉल्ट की श्रेणी में नहीं डाला जाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि पिछली कई तिमाहियों से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)त् की वृद्धि दर लगातार नीचे आ रही है। जनवरी-मार्च की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही थी।
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क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक सुबोध राय ने कहा, ”महामारी से हालांकि सभी क्षेत्र प्रभावित हुए, लेकिन कम बचाव क्षमता वाली कंपनियों ने इस छूट का लाभ अधिक लिया है। नोट में कहा गया है कि बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों मसलन रत्न एवं आभूषण, होटल, वाहन कलपुर्जा, वाहन डीलर, बिजली, पैकेजिंग, पूंजीगत सामान और कलपुर्जा क्षेत्र की करीब 20 प्रतिशत कंपनियों ने ऋण भुगतान में छूट की सुविधा का लाभ उठाया।