इंफाल। सोमवार रात मणिपुर (Manipur) के पहाड़ी जिले कांगपोकपी में केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को भीड़ ने बस से उतारकर उसमें आग लगा दी। पुलिस ने बताया ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भीड़ ने पहले CRPF जवानों को बस से उतरने के लिए कहा और इसके बाद उन्होंने उसमें आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि एक दमकल गाड़ी ने तुरंत आग बुझा दी। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी के पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना रात 9 बजे की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कुकी बहुल जिले में कुछ संदिग्धों से पूछताछ की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को ले जा रही बस किराए पर थी और यह घाटी के प्रमुख मैतेई समुदाय के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ ने यह कदम कथित बदला लेने के लिए उठाया। दरअसल पिछले सप्ताह मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिले में दो ट्रकों को जला दिया गया था। बिष्णुपुर जिले में जिन ट्रकों को आग के हवाले किया गया था उनमें चुराचांदपुर नामक दूसरे पहाड़ी जिले में पुल बनाने के लिए निर्माण सामग्री ले जाई जा रहे थी। अब बताया जा रहा है कि इस घटना के जवाब में कथित तौर पर कुकी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भीड़ ने CRPF के जवानों की बस को आग के हवाले कर दिया। बस सीआरपीएफ कर्मियों को कांगपोकपी जिला आयुक्त कार्यालय ले जा रही थी, जहां वे लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद से तैनात हैं, तभी भीड़ ने उन्हें रोक लिया।
एक दिन पहले ही, मणिपुर (Manipur) के तामेंगलोंग जिले में तातबंग के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर सोमवार को इंफाल में आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने जा रहे 100 से अधिक ट्रकों को लोगों ने रोक दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। स्थानीय लोगों ने जिरिबाम जिले में हुई हिंसा के विरोध में इंफाल-सिलचर राजमार्ग को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आह्वान किया है। पुलिस ने कहा, ‘‘इस बंद के समर्थकों में ज्यादातर महिलाएं हैं जिन्होंने जिरिबाम से इंफाल घाटी की ओर जा रहे ट्रकों को रोक दिया।’’
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उसने बताया कि ट्रकों को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पुलिस ने बताया कि इन ट्रकों में ईंधन, एलपीजी और अन्य आवश्यक सामान है। एक ट्रक चालक के हवाले से एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ ने नाकेबंदी के समर्थकों से ट्रकों को जाने देने की अपील की लेकिन वे नहीं माने। जिरिबाम जिले में भड़की हिंसा के विरोध में कुकी जो गांव के स्वयंसेवकों वंगाईलांग और तुइलांगकोल द्वारा 13 जून को राष्ट्रीय राजमार्ग-53 इंफाल सिलचर राजमार्ग पर अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया और जिरिबाम और तामेंगलोंग जिले के कुकी महिला संघ ने इसका समर्थन किया है।
जिरिबाम जिले में हुई हिंसा में कम से कम दो लोगों की जान चली गई। इसके अलावा, 100 से ज्यादा घर जला दिए गए और 2,000 से ज्यादा लोग बेघर हो गये। छह जून को 59 वर्षीय सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव जिरिबाम जिले में मिला था जिसके बाद से जिले में हिंसा भड़क गई। यह जिला अब तक जातीय हिंसा से अछूता था जो पिछले साल मई से मणिपुर में फैली। जिरिबाम में मेइती, मुस्लिम, नगा, कुकी और गैर मणिपुरी लोग रहते हैं। बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों तथा सुरक्षा बलों के 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।