देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में एक महत्वपूर्ण उपनगर में डाका डालने वाले गिरोह का मुख्य सरगना, घटना के दो महीने बाद राज्य के विशेष कार्य बल (STF) ते उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरफ्तार (Arrested) कर लिया। इस कुख्यात डकैत पर दो लाख रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया था।
एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आयुष अग्रवाल ने सभी कुख्यात ईनामी अपराधियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि लाख छिपना चाहोगें, हम छोड़ेंगे नहीं।
रविवार को उन्होंने यह जानकारी संवाददाताओं को देते हुए बताया कि बीते वर्ष 15 अक्तूबर को उपनगर डोईवाला की घराट गली में दिनदहाड़े दोपहर बारह बजे शीशपाल अग्रवाल के घर में अज्ञात डकैतों ने घर में घुसकर हथियारों के बल पर, घर के सदस्यों को कमरे मे बन्धक बनाकर डाका डाला।
श्री अग्रवाल ने बताया कि वारदात में डकैतो द्वारा घर पर रखी काफी मात्रा में नगदी एवं जेवरात लूट लिये गये थे। उन्होंने बताया कि अभी तक घटना में वांछित कुल नौ डाकू पकड़े जा चुके हैं, लेकिन गिरोह का सरगना फरार था। उन्होंने बताया कि इस फरार सरगना, जिस पर राज्य पुलिस की ओर से दो लाख रुपए का इनाम भी घोषित था, को शनिवार को पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मेरठ से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त परवेज उर्फ बाबा एक दुर्दान्त व कुख्यात अपराधी है। जिसके विरूद्ध अब तक डकैती, लुट चोरी व हत्या के प्रयास के 24 से अधिक अभियोग उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में पंजीकृत है।
एसटीएफ के एसपी ने बताया कि इस घटना का गिरफ्तार मुख्य आरोपी परवेज उर्फ बाबा को पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। वह एक शातिर किस्म का बदमाश है। जिसे गिरफ्तार करना उत्तराखण्ड पुलिस के अलावा, अन्य कई राज्यों की पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती भरा काम था। उन्होंने बताया कि परवेज उर्फ बाबा हमेशा डकैती आदि करने के बाद, घटना वाले स्थान से अलग अन्य किसी राज्य में अपने पुराने अभियोग में जमानत तुड़वाकर न्यायालय में आत्मसर्मपण कर देता था। जिस कारण उससे अभियोग की माल बरामदगी भी नहीं हो पाती थी। वह मोबाईल फोन भी इस्तेमाल नहीं करता था। जिस कारण इसको गिरफ्तार करना आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा इसको पूर्व में एक या दो बार ही गिरफ्तार करने में सफलता पाई है जबकि इसके द्वारा करीब 24 से अधिक डकैती, लूट, चौरी, हत्या के प्रयास आदि की घटनायें की गयीं है।