कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में विशेष रूप से दलित समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित ‘दलित महापंचायत’ को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये संबोधित करते हुये श्रीमती वाड्रा ने कहा कि पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा की और कहा कि आने वाले समय में सामाजिक न्याय, संविधान व दलित छात्रों की छात्रवृत्ति बचाने एवं दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए प्रत्येक गांव में अनुसूचित जाति विभाग के कार्यकर्ताओं को बनाना है।
उप्र कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद की रिहाई के बाद प्रदेश भर में दलितों की आवाज को बुलन्द करने के लिए बुलायी गयी दलित महापंचायत में श्रीमती वाड्रा ने सबसे पहले बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर, महात्मा ज्योतिबा राव फुले, संत गाडगे को नमन किया। उन्होने कहा कि दलित कांग्रेस जोरदार काम कर रही है। दलित समुदाय निरन्तर विरोध और प्रतिरोध के स्वर बुलन्द कर रहे हैं।
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उन्होने हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि योगी सरकार उस घटना के बाद भी कोई सुधार करने के बजाए पीड़ितों को न्याय दिलाने के बजाए पीड़ितों पर अत्याचार करने में जुटी है और उन्हें ही कटघरे में खड़ा कर रही है। उन्होने मंगटा गांव कानपुर, ललितपुर, आजमगढ़ आदि जनपदों में दलितों पर हुए अत्याचार, उत्पीड़न का जिक्र करते हुये कहा कि आलोक प्रसाद को इसी वजह से जेल में डाला गया। उन्होने कार्यकर्ताओं से कहा “आपके सामने बड़ी ऐतिहासिक जिम्मेदारी है। आप लोगों के साथ खड़े होकर अपनी आवाज बुलन्द कीजिए।”
उप्र की प्रभारी श्रीमती वाड्रा ने कहा “अभी मैं अम्बेडकर छात्रावास के छात्रों से बात कर रही थी। छात्र आहत और दुखी हैं। क्योंकि सरकार उनके छात्रावासों को बन्द कर देना चाहती है। आप सब मिलकर ऐसा निर्णय लें कि आपका समुदाय आगे बढ़े। मुझे खुशी है कि आप सब यहां आये और अपनी एकजुटता जाहिर की।”
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इस मौके पर छह महीने बाद जेल से रिहा हुये श्री प्रसाद ने कहा कि यूपी में कोई भी जिला ऐसा बाकी नहीं रहा जहां दलितों को प्रताड़ित कर उत्पीड़न न किया जा रहा हो। घरों और जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। दलित महापंचायत का मुख्य लक्ष्य सोई हुई योगी सरकार को नींद से जगाना है। क्योंकि दलितों पर हो रहे निरन्तर अत्यधिक अत्याचार उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है। हम सड़कों पर आन्दोलित रहेंगे जब तक दलित उत्पीड़न बन्द नहीं हो जाता।
उन्होने कहा कि दलितों के स्वाभिमान, सम्मान और बहन, बेटियों पर हो रहे उत्याचार को रोकने के लिए सड़कों पर उतरने की आवश्यकता है।