बिहार के सिकंदराबाद-दरभंगा स्पेशल ट्रेन में ब्लास्ट कराने की साजिश में शामिल दो संदिग्ध आतंकवादी नसीर और इमरान को पटना की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने 7 दिनों के लिए एनआईए की रिमांड पर भेज दिया है।
तेलंगाना से गिरफ्तार आमिर और नसीर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम शुक्रवार की सुबह हैदराबाद से पटना लेकर आई, जिसके बाद दोनों को बिहार एटीएस के दफ्तर ले जाया गया। दोनों संदिग्ध आतंकियों से बिहार पुलिस ने भी ब्लास्ट मामले में गहन पूछताछ की।
दोपहर में दोनों संदिग्ध आतंकवादियों को पटना के स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने इन दोनों को 7 दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया। दरअसल 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल में एक धमाका हुआ था, जिसके बाद एनआईए ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी।
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लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन का हाथ है। एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस मामले के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। एनआईए ने 1 जुलाई को इमरान मलिक और नासिर खान को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
दरभंगा ब्लास्ट को लेकर अब नए खुलासे हो रहे हैं। फरवरी में ही शामली के रहने वाले सलीम के घर में ही ट्रेन में आईडी ब्लास्ट की साजिश रचि गई थी। इस पूरी साजिश का आका पाकिस्तान बैठा इकबाल काना है। दरभंगा ट्रेन में ब्लास्ट कराकर बड़ी जनहानि पहुंचाने का मकसद आतंकियों का था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि फरवरी 2021 में शामली में सलीम के घर पर नासिर, इमरान और सलीम और काफिल के बीच मीटिंग हुई थी। सलीम ने बम धमाके का प्लान सबको बताया था। जानकारी के मुताबिक सलीम ने ही इकबान काना से सभी आरोपियों का परिचय कराया था।
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इकबाल काना यूपी के कैराना में रहता था। वह बाद में पाकिस्तान चला गया था। वहीं उसका संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से हुआ। इकबाल काना जाली नोट भारत में भेजने लगा और सबसे बड़ा माफिया बन गया। वह नेपाल और बांग्लादेश के जरिए भारत में जाली नोट भेजता है। कैराना और शामली में कई लोग अब भी उसके संपर्क में हैं। एनआईए पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। इस केस से जुड़े और खुलासे जल्द हो सकते हैं।