उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के गांव नेहर्रा में दरोगा प्रशांत कुमार यादव की हत्या करके फरार हुए 50 हजार के इनामी विश्वनाथ चौहान को शनिवार शाम को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। थाना जैतपुर के कमतरी पुल पर पुलिस के घेराबंदी करने पर विश्वनाथ ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी फायरिंग की। इसमें उसे दोनों पैरों में गोलियां लग गईं। पुलिस ने घायल विश्वनाथ को अस्पताल में भर्ती कराया है।
थाना खंदौली के गांव नहर्रा में बुधवार को दो भाई शिवनाथ और विश्वनाथ के बीच पिता के खेत से आलू खोदने को लेकर विवाद हो गया था। विश्वनाथ आलू में से अपना आधा हिस्सा मांग रहा था। सुबह विवाद की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करा दिया था। शाम को एक बार फिर विश्वनाथ खेत पर पहुंचकर मजदूरों को धमका रहा था। उसके हाथ में तमंचा भी था।
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इसकी सूचना पर दरोगा प्रशांत कुमार यादव एक सिपाही के साथ पहुंचे थे। तमंचा देखकर प्रशांत कुमार यादव विश्वनाथ को पकड़ने के लिए दौड़े थे। तभी विश्वनाथ ने गोली चला दी थी, जिसमें प्रशांत कुमार यादव शहीद हो गए थे। वारदात के बाद आरोपी भाग गया था। पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में लगी हुई थी। तत्कालीन एडीजी रेंज ए. सतीश गणेश ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
पुलिस ने बताया कि शनिवार शाम को जैतपुर स्थित कमतरी के पुल पर विश्वनाथ को घेर लिया। वह बाइक पर था। पुलिस के रोकने का इशारा करने पर फायरिंग करने लगा। इस पर पुलिस ने भी जवाब में फायरिंग की। उसके दोनों पैरों में गोली लग गई।
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पुलिस ने उसके पास से दो तमंचे बरामद किए, जिसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया है। घटना की जानकारी पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस का कहना है कि विश्वनाथ इटावा भागने की तैयारी में था। इसकी पूरी प्लानिंग करके आया था। उस से हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं।