नई दिल्ली। लग्जरी घड़ियां और बेहतरीन चॉकलेट स्विट्जरलैंड की पहचान हैं। इसके साथ ही यह देश अपने सीक्रेट बैंक सिस्टम के लिए जाना जाता है। स्विस बैंकों (Swiss Banks) के क्लाइंट्स की लिस्ट हमेशा सुर्खियां बटोरती हैं। Credit Suisse यहां के बैंकिंग सिस्टम के सबसे अहम प्लेयर्स में से एक है। यह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंशियल संस्थाओं में से एक है, जिसकी जड़ें 166 साल पुरानी हैं।
क्रेडिट सुइस में करीब 50,000 कर्मचारी काम करते हैं। बैंक के ग्राहकों की संख्या 15 लाख है। यह स्विट्जरलैंड का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। हालांकि, इस समय इस बैंक के खाताधारकों की एक ऐसी लिस्ट सामने आई है, जिससे दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। आइए इस पूरे डेवलपमेंट के बारे में जानते हैं:
स्विस बैंकों में दुनियाभर के दिग्गज लोगों के अकाउंट होने की बात समय-समय पर सामने आती रहती है। इसी बीच जर्मनी के एक अखबार ‘Süddeutsche Zeitung’ और Organized Crime and Corruption Reporting Project (OCCRP) की संयुक्त इंवेस्टिगेंटिंग रिपोर्टिंग में कई बड़ी जानकारियां सामने आई हैं।
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दरअसल, एक व्यक्ति ने 1940 से 2010 के दशक तक के अकाउंट्स से जुड़ी जानकारियां जर्मनी के Süddeutsche Zeitung को कथित तौर पर लीक कर दी। इस पब्लिकेशन ने OCCRP और न्यूयॉर्क टाइम्स सहित 46 अन्य न्यूज ऑर्गनाइजेशन के साथ इस जानकारी को साझा कर दिया।इस डिटेल्स में विदेशी ग्राहकों के 18,000 बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी है। इससे स्विस बैंकिंग सिस्टम से जुड़े तमाम खेल का पता चलता है।
OCCRP की रिपोर्ट के मुताबिक इन मीडिया आउटलेट्स के 160 रिपोर्ट्स ने इन डेटा को महीनों तक खंगाला और इस दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई। इस जांच के दौरान सामने आई कि इस बैंक में दर्जनों भ्रष्ट नेताओ, अपराधियों, जासूसों, तानाशाहों और अन्य संदिग्ध लोगों के बैंक अकाउंट थे।ये बैंक अकाउंट ऐसे लोगों के नाम पर नहीं हैं, जिन्हें कोई नहीं जानता है बल्कि एक गूगल सर्च से इनके सारे कारनामे सामने आ जाते। इसमें यह बात सामने आई कि इन 18,000 अकाउंट्स में 8 बिलियन डॉलर की रकम जमा थी और ये अकाउंट्स काफी लंबे समय तक ऑपरेशनल रहे थे।
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दर्जनों मीडिया हाउस द्वारा एकसाथ प्रकाशित रिपोर्ट के बाद Credit Suisse ने बयान जारी कर कहा कि वह किसी भी तरह का गलत काम करने के आरोपों को ‘पूरी तरह से खारिज’ करता है। मीडिया में प्रकाशित आलेखों में कहा गया है कि बैंक के क्लाइंट्स में मानवाधिकार हनन करने वाले लोग और प्रतिबंधों का सामना कर रहे बिजनेसमैन शामिल थे। क्रेडिट सुइस ने कहा है कि बैंक को पिछले तीन हफ्तों में इन पब्लिकेशन हाउस के कंसॉर्टियम से दर्जनों इन्क्वायरी आई थी और बैंक ने कई ऐसे अकाउंट्स को रिव्यू किया है, जिनको लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।
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बैंक ने आगे कहा है, “जिन अकाउंट्स को रिव्यू किया गया, उनमें से 90% प्रेस की इन्क्वायरी से पहले या तो बंद हो चुके थे या बंद होने की प्रक्रिया में थे। इनमें से 60 फीसदी अकाउंट 2015 से पहले बंद हो गए थे।”