लखनऊ। राज्य में रिकॉर्ड गेहूं खरीद होने के बाद भी पीसीएफ कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पीसीएफ के मृतक आश्रित कर्मचारी नौकरी के लिए तीन साल से अफसरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
ऐसे ही पीसीएफ कर्मचारियों को अभी तक सातवें वेतनमान का निर्धारण कर लाभ नहीं मिल सका है। कर्मचारियों का कहना है कि वह सरकार की मंशानुरूप किसानों की हर फसल खरीद का काम बेहतर तरीके से कराते आ रहे हैं। फिर भी पीसीएफ के कर्मचारियों की सुनवाई शासन-प्रशासन स्तर से नहीं होने से वह दुखी और आक्रोशित हैं। कर्मचारियों की ओर से फेडरेशन ने मुख्यमंत्री व शासन स्तर पर सोमवार को पत्र भेजा है।
यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन कर्मचारी सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष सुनील कुमार और महामंत्री अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि वर्ष 2018 से मृतक आश्रित नौकरी के लिए भटक रहे हैं। वहीं, कोविड से करने वाले कर्मचारियों के परिवारीजनों को भी शासन-प्रशासन से कोई लाभ नहीं मिल सका है। कर्मचारियों को सातवां वेतनमान नहीं मिला है।
पदरिक्त होने पर भी समय से पदोन्नति नहीं हो रही है। कनिष्ठ सहायक एवं अद्र्धकुशल श्रमिक वर्ग के पे ग्रेड का शासनादेश में संशोधन नहीं किया गया है। महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान नहीं लागू है। पदाधिकारियों ने बताया कि शासन व प्रबंध तंत्र के उदासीन रवैये को देखते हुए संगठन पूरे प्रदेश में जल्द ही आंदोलन करने को बाध्य होगा।
इस मामले में मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, मुख्य सचिव, आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता, सभापति पीसीएफ और प्रबंध निदेशक पीसीएफ को सोमवार को पत्र भेजकर मांगें पूरी करने की गुहार लगाई गई है।