देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित कैबिनेट (Dhami Cabinet) बैठक में हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के फैसले लिए गए। मंजूर हुए कुछ प्रस्तावों में त्वरित तो कुछ में सुखद दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
कैबिनेट (Dhami Cabinet) द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को विस्तार से बताया गया है।
01- ऊधमसिंह नगर में विकसित होगी ग्रीन फील्ड टाउनशिप
जनपद ऊधमसिंह नगर में तहसील किच्छा के ग्राम गडरियाबाग, नूरपुर, पन्थपुरा, रजपुरा, बण्डिया व लक्ष्मीपुर में वर्ष 2014 में राज्य सरकार को कुल प्राप्त 798.7039 हेक्टेयर यानी 1972 एकड़ सीलिंग भूमि में से ग्राम गडरियाबाग में 264.47 एकड़, नूरपुर में 236.38 एकड़, पन्थपुरा में 137.06 एकड़, रजपुरा में 272. 66 एकड़, बंडिया में 178.02 एकड़ तथा ग्राम लक्ष्मीपुर में 265.31 एकड़ इस प्रकार कुल1354.14 एकड़ अर्थात 548.2388 हेक्टेयर भूमि (श्रेणी 5-1, नवीन परती दर्ज) को ग्रीन फील्ड टाउनशिप विकसित करने के लिए सिडकुल के पक्ष में शुल्क हस्तान्तरित करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने दी मंजूरी।
02- सब रजिस्ट्रार कार्यालय में अभिलेख सुरक्षा, त्वरित सेवा
स्टाम्प एवं निबंधन विभाग में वर्ष 2005 एवं 2006 के बाद विभागीय ढांचे का पुनर्गठन नहीं हुआ था। राज्य गठन के समय राजस्व प्राप्ति करीब 90 करोड़ और लेखपत्रों की संख्या लगभग 81000 थी, जोकि वर्तमान में क्रमाश: 2700 करोड़ व 2.50 लाख है। वर्तमान में विभाग में सरकार की सरलीकरण, समाधान एवं त्वरित निस्तारण एवं मूलभूत जनसुविधाएं उपलब्ध कराने की शासन की प्रतिबद्धता के क्रम में कई नवाचार गतिमान है जैसे कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था तथा धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने हेतु आधार प्रमाणीकरण की व्यवस्था को प्रवृत्त किया जाना है। दरअसल, सब रजिस्ट्रार कार्यालय में आमजन का आवागमन अत्यधिक होता है तथा उनके स्वामित्व के महत्वपूर्ण अभिलेख कार्यालयों में अनुरक्षित रहते हैं अतः कार्यालय स्तर पर त्वरित सेवा को उपलब्ध कराये जाने के लिए तकनीकी दक्षता के साथ-साथ अधिकारियों के 9 पद एवं सहयोगी कार्मिकों के 29 पद स्वीकृत किए गए हैं। जनसुविधा एवं राजस्व वृद्धि के दृष्टिगत अधिकारियों को पर्वतीय जनपदों का अतिरिक्त दायित्व सौंपते हुये जवाबदेही सुनिश्चित करने की कैबिनेट ने दी मंजूरी।
03- राज्य को मिलेगी ट्राउट डेस्टिनेशन के रूप में पहचान
राज्य के पर्वतीय जनपदों में विभिन्न मत्स्य प्रजातियों की तुलना में ट्राउट मत्स्य सबसे अधिक वृद्धि दर वाली मछली है, राज्य में उपलब्ध प्राकृतिक जलसंसाधन ट्राउट मात्स्यिकी विकास हेतु अपेक्षित सहयोग प्रदान करते हैं, जिसके दृष्टिगत ट्राउट फार्मिंग के सतत विकास हेतु मुख्यमंत्री धामी द्वारा राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने हेतु और ट्राउट मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत मत्स्य विभाग के रूपये 200 करोड़ की योजना शुरू किए जाने की घोषणा के अनुपालन में ट्राउट फार्मिंग के सतत् विकास हेतु ट्राउट प्रोत्साहन योजना तैयार की गयी है जिसके अन्तर्गत एकीकृत रेसवेज यूनिटों के निर्माण के साथ कार्यरत मत्स्य पालकों को पांच वर्षीय इनपुट सपोर्ट उपलब्ध कराया जायेगा जिससे कार्यरत मत्स्य पालक सुचारू रूप से फार्मिंग कर सके। योजना में मत्स्य बीज की मांग पूरा करने हेतु ट्राउट हैचरियां भी स्थापित होंगी। मछलियों के विपणन हेतु मत्स्य पालकों को आवश्यक उपकरण यथा डीप फ्रीजर, आईस बॉक्स, पलेक आईस मशीन उपलब्ध होंगे। योजना के संचालन से राज्य में करीब 600 मैट्रिक टन ट्राउट का उत्पादन बढ़ेगा जबकि प्रतिवर्ष 75 लाख मत्स्य बीज उत्पादन होगा। योजना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 1800 से अधिक व्यक्तियों को लाभ मिलेगा। उक्त योजना राज्य में ट्राउट फार्मिंग को व्यवस्थित रूप से सुदृढ़ करेगी तथा राज्य को ट्राउट डेस्टिनेशन के रूप में पहचान मिलेगी।
04- विजिलेंस में रिवॉल्विंग फंड नियमावली अब शासनादेश
सतर्कता अधिष्ठान की ट्रैप कार्यवाहियों में परिवादियों को पूर्ण सहयोग देने के उद्देश्य से सतर्कता विभाग में रिवॉल्विंग फंड के संचालन हेतु नियमावली को शासनादेश के रूप में विकसित किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय। सतर्कता अधिष्ठान की ट्रैप कार्यवाहियों में परिवादियों के पूर्ण सहयोग दिए जाने के उद्देश्य से परिवादियों द्वारा ट्रैप के समय दी जाने वाली रिश्वत राशि के पुनर्भरण हेतु सृजित रिवॉल्विंग फंड के रखरखाव/सुचारू रूप से संचालन हेतु उत्तराखंड भ्रष्टाचार निरोधक सतर्कता विभाग रिवॉल्विंग फंड नियमावली को शासनादेश के रूप में विकसित होगा।
05- राज्य सम्पत्ति विभाग की समूह क एवं ख सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी
राज्य सम्पत्ति विभाग में उत्तर प्रदेश राज्य सम्पत्ति विभाग की समूह क सेवा नियमावली 1988 और समूह ख के पदो के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राज्य सम्पत्ति विभाग की समूह ख एवं ग सेवा नियमावली, 1983 प्रचलित है। अब राज्य सम्पत्ति विभाग के समूह क (मुख्य व्यवस्थाधिकारी (सी.ग्रे.) एवं मुख्य व्यवस्थाधिकारी) व समूह ख (वरिष्ठ व्यवस्थाधिकारी एवं व्यवस्थाधिकारी) के पदों हेतु उत्तराखंड राज्य सम्पत्ति विभाग समूह क एवं ख सेवा नियमावली 2025 प्रख्यापित की जा रही है, जिसे कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है।
06-मिनिस्ट्रियल संवर्ग के पद होंगे सृजित
निदेशालय, पेंशन एवं हकदारी के तहत मिनिस्ट्रियल संवर्ग के अन्तर्गत विभागीय कार्यावश्यकता के दृष्टिगत कतिपय उपकोषागारों (जिनमें 1 सहायक लेखाकार से ही कार्य सम्पादित किया जा सकता है) में सृजित सहायक लेखाकार के 2 पदों में से 1 पद समर्पित करते हुए, समर्पित पद के सापेक्ष कनिष्ठ सहायक के 13 नवीन पद सर्जित करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी।
07- मुख्यमंत्री स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना से सशक्त होंगी महिलाएं
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के कल्याणार्थ वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना प्रारम्भ की गयी। उक्त महिला स्वयं सहायता समूहों/ग्राम संगठनों एवं कलस्टर संगठनों के तहत विभिन्न घटकों को आच्छादित किये जाने एवं महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा की गई निम्न पांच घोषणाओं को स्वीकृति मिली।
1: महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से जिलों में आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं, कार्यक्रमों एवं महिला सम्मान कार्यकम हेतु मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत 2.30 करोड़ की धनराशि प्रदान की जाएगी।
2: क्लस्टर स्तरीय संगठन (सीएलएफ) में महिलाओं की व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन हेतु 15.40 करोड़ की धनराशि मिलेगी।
3: लखपति दीदी बनाने के उद्देश्य से रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर (आरबीआई) के माध्यम से मार्केटिंग प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड क्वालिटी कंट्रोल सेंटर हेतु अल्मोड़ा के हवालबाग एवं जनपद पौड़ी के कोटद्वार में स्थापित प्रत्येक सेंटर को 25 लाख रुपए मिलेंगे।
4.: डिजिटल एमआईएस हेतु ई-बुक कीपरों हेतु प्रथम चरण के 140 मॉडल क्लस्टर के 500 ई-बुक कीपरों हेतु टेबलेट प्रदान करने के उद्देश्य से 75 लाख की धनराशि प्रदान की जायेगी।
5: राष्ट्रीय स्तर के राज्यस्तरीय 2 सरस मेला के आयोजन को मैचिंग ग्रान्ट के रूप में प्रति मेला 11.12 लाख की धनराशि मिलेगी।
09-उत्तराखंड भारतीय नागरिक सुरक्षा नियमावली, 2024 अधिसूचित होगी
वर्तमान परिदृश्य के दृष्टिगत गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2023 को सम्पूर्ण देश में लागू भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (अधिनियम संख्या 46 सन् 2023) के आलोक में उत्तराखंड भारतीय नागरिक सुरक्षा नियमावली 2024 को अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित कर दिया गया है। इस नियमावली के अन्तर्गत इलेक्ट्रॉनिक संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संकलन एवं अभिरक्षा हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गयी है। इसके अतिरिक्त इस कानून के अन्तर्गत जीरो-एफआईआर एवं ई-एफआईआर पंजीकृत करने की प्रक्रिया एवं फॉरेन्सिक परीक्षण के सुदृढ़ीकरण आदि हेतु जिला व राज्य स्तरीय पुलिस नियंत्रण कक्ष गठित कर प्रक्रियाओं का उल्लेख भी किया गया है।
10- तीन वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कक्षा 12 के समकक्ष होगा
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विनियम, 2009, मे अध्याय-बारह के विद्यमान विनियम 14 (7) (ग) समकक्ष संस्थाओं की सूची में अन्तिम क्रमांक 9 के बाद क्रमांक-10 पर कक्षा-10 (हाईस्कूल) परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित तीन वर्षीय पालिटेक्निक डिप्लोमा परीक्षा उत्तीर्ण को उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की कक्षा 12 (इंटरमीडिएट) उत्तीर्ण की समकक्षता होगी, जोड़ा जाना है, जिसके फलस्वरूप कक्षा-10 के उपरान्त पॉलिटेक्निक डिप्लोमा परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी अन्य स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकेंगे। उक्त के दृष्टिगत उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विनियम, 2009 के अध्याय-12 के विद्यमान विनियम-14(7) (ग) में कमांक 9 के पश्चात कमांक-10 कक्षा 10 (हाईस्कूल) परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त तीन वर्षीय पालिटेक्निक डिप्लोमा परीक्षा उत्तीर्ण को उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की कक्षा 12 (इण्टरमीडिएट) उत्तीर्ण की समकक्षता प्रदान करने को कैबिनेट ने अनुमोदन दे दिया है।
11-एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को राज्य में लागू
वित्त मंत्रालय (वित्तीय सेवाएं विभाग) भारत का राजपत्र की अधिसूचना 24 जनवरी, 2025 में उल्लिखित व्यवस्था के क्रम में उत्तराखंड राज्य के समस्त विभागों, जहां नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू हैं, के साथ ही विकल्प के रूप में सम्बन्धित विभागों में कार्यरत कार्मिकों हेतु 01 अप्रैल, 2025 से एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लागू करने हेतु यह अधिसूचना राज्यान्तर्गत अंगीकृत की गई है।
12- कारागार, सेवा नियमावली प्रख्यापित
वर्तमान में कारागार प्रशासन एवं सेवा सुधार विभाग, उत्तराखंड में उप महानिरीक्षक कारागार, वरिष्ठ कारागार अधीक्षक एवं कारागार अधीक्षक के पदों पर नियुक्ति/पदोन्नति हेतु उत्तर प्रदेश कारागार (श्रेणी अ एवं श्रेणी ब) सेवा नियमावली, 1982 के द्वारा कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग, उत्तराखंड के अन्तर्गत सृजित कारागार के पदों के पुनर्गठन किया गया, जिसमें उप महानिरीक्षक, कारागार लेवल-13, 123100-215900 (ग्रेड वेतन 8700) का एक पद सृजित किया गया तथा वरिष्ठ अधीक्षक कारागार के पदों को ग्रेड-01 लेवल-12, 78800-209200 (ग्रेड वेतन 7600) तथा ग्रेड-02 लेवल-11, 67700-208700 (ग्रेड वेतन 6600) में विभाजित किया गया है, जिसे उक्त नियमावली में सम्मिलित किया जाना है। कारागार प्रशासन एवं सेवा सुधार विभाग, उत्तराखण्ड में उप महानिरीक्षक कारागार, वरिष्ठ कारागार अधीक्षक एवं कारागार अधीक्षक के पदों पर नियुक्ति एवं पदोन्नति की प्रक्रिया/नियम/विनियम इत्यादि निर्धारित किये जाने हेतु विभागीय हित में उत्तराखंड कारागार विभाग, उप महानिरीक्षक कारागार, वरिष्ठ अधीक्षक कारागार एवं अधीक्षक कारागार सेवा नियमावली, 2025 प्रख्यापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
13- वर्तमान पेराई सत्र में गन्ने का एसएपी व कमीशन दर निर्धारित
राज्य की सहकारी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्रों के दौरान क्रय किये जाने वाले गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) इस हेतु गठित राज्य परामर्शी समिति की संस्तुति के आधार पर निर्धारित किया जाता है। राज्य परामर्शी समिति की संस्तुति के आधार पर विगत पेराई सत्र हेतु निर्धारित गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य को चालू पेराई सत्र 2024-25 में यथावत् रखे जाने का निर्णय लिया गया है। गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य अगैती प्रजाति 375.00 प्रति कुंतल (मिल गेट पर) और सामान्य प्रजाति 365.00 प्रति कुंतल विगत पेराई सत्र की भांति चीनी मिलों के बाह्य क्रय केन्द्रों से गन्ने का परिवहन मिल तक कराये जाने के मद में होने वाली कटौती 09.50 प्रति कुन्तल निधारित किए जाने का निर्णय हुआ। विगत पेराई सत्र की भांति गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर 5.50 प्रति कुन्तल निर्धारित किए जाने को भी मंजूरी दी गई है।
14- अब पदोन्नति में समरूपता होगी
उत्तराखंड राज्य के कार्मिकों को अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण प्रदान करने हेतु उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली 2010 प्रख्यापित की गयी, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जाता रहा है। वहीं, इस नियमावली के अतिरिक्त पदोन्नति के लिए अधिकांश विभागों की सेवा नियमावलियों में भी परन्तुक के रूप में अर्हकारी सेवा में छूट प्रदान करने सम्बन्धी प्रावधान किये गये हैं। संज्ञान में आया है कि कतिपय विभागों द्वारा सम्बन्धित पद की सेवा नियमावली में अर्हकारी सेवा में शिथिलता प्रदान करते हुए पात्रता क्षेत्र का विस्तार किये जाने सम्बन्धी प्रावधानों के आलोक में अर्हकारी सेवा में छूट/शिथिलीकरण प्रदान करते हुए अपने स्तर पर कार्मिको की पदोन्नतियां की जा रही हैं।
साथ ही, सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली, 2010 (समय-समय पर यथासंशोधित) के अन्तर्गत भी पदोन्नति हेतु अहंकारी सेवा में शिथिलीकरण प्रदान करते हुए शिथिलीकरण का दोहरा लाभ कार्मिको को प्रदान किया जा रहा है। अतः उक्त के दृष्टिगत राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति के प्रकरणों में समरूपत्ता एवं सुगमता बनाए रखने हेतु उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली, 2025 प्रख्यापित किए जाने का कैबिनेट ने निर्णय लिया है।