भारतीय पहलवान दीपक पूनिया टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने से चूक गए. अब उनके विदेशी कोच मोराड गेड्रोव को लेकर भी खबर आई कि मैच के बाद उन्हें टोक्यो ओलंपिक से बाहर कर दिया गया है. मोराड पर गुरुवार को दीपक के मैच के बाद रेफरी पर हमला करने का आरोप लगा है. मोराड गेड्रोव रूस के रहने वाले हैं और दीपक के साथ बतौर कोच टोक्यो ओलंपिक में मौजूद थे.
दीपक पूनिया के ब्रॉन्ज मेडल मैच के बाद गेड्रोव रेफरी के कमरे में गए और उनपर हमला कर दिया. विश्व कुश्ती निकाय (FILA) ने तुरंत आईओसी को इस मामले की सूचना दी और अनुशासनात्मक सुनवाई के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ को भी बुलाया गया. हालांकि महासंघ ने माफी मांगी और उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. फिला ने पूछा कि भारतीय महासंघ ने गेड्रोव पर क्या कार्रवाई की तो महासंघ ने जानकारी दी कि उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया है.
गेड्रोव खुद एक पहलवान रहे हैं और बीजिंग ओलंपिक- 2008 में 74 किग्रा भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. उन्होंने 2004 के एथेंस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में हार के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी पर हमला कर दिया था. अब आईओसी ने उनकी मान्यता भी रद्द कर दी है और टोक्यो में भारतीय दल को लिखा है कि उन्हें तुरंत खेल गांव छोड़ने के लिए कहा जाए.
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दीपक अच्छे ड्रॉ का फायदा उठाकर सेमीफाइनल तक पहुंचे लेकिन अमेरिका के डेविड मौरिस टेलर से सेमीफाइनल में हार गए. उन्होंने इससे पहले नाइजीरिया के एकेरेकेमे एगियोमोर को तकनीकी श्रेष्ठता से और फिर क्वार्टरफाइनल में चीन के जुशेन लिन को 6-3 से हराया था. दीपक अपने पहले ही ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहे थे और कांस्य पदक जीतने के करीब पहुंचे लेकिन 86 किग्रा के प्ले-ऑफ में सैन मरिनो के माइलेस नज्म अमीन के अंतिम 10 सेकंड में पटखनी देने से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
22 साल के दीपक का डिफेंस पूरे मुकाबले के दौरान शानदार था लेकिन सैन मरिनो के पहलवान ने मुकाबले के अंतिम क्षणों में भारतीय पहलवान का दायां पैर पकड़कर उन्हें गिराकर निर्णायक दो अंक हासिल किए. इससे पहले तक भारतीय पहलवान 2-1 से आगे चल रहा था.