दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन को लेकर जबरदस्त सियासत देखने को मिल रही है। इस एक मुद्दे पर दिल्ली सरकार और केंद्र को कोर्ट से फटकार पड़ी है। दोनों पर ही लापरवाही बरतने और समय रहते कोई समाधान ना ढूंढने के आरोप लगे हैं। अब कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा भी बढ़ाया गया है और बुधवार को पहली बार 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी दी गई है।
खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि केंद्र की तरफ से पहली बार उन्हें 730 MT ऑक्सीजन भेजी गई है। इस बात के लिए उन्होंने सरकार और कोर्ट का शुक्रिया भी अदा किया है। लेकिन सीएम की तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि उन्हें दिल्ली के लिए रोज 700 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए। सिर्फ एक दिन इतनी ऑक्सीजन मिलने से इस संकट को दूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र की तरफ से दिल्ली को अब लगातार 700 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाएगी।
केजरीवाल की तरफ से ये भी बताया गया है कि अब तमाम अस्पतालों को बेड बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं। उनके मुताबिक क्योंकि पहले अस्पतालों के पास पर्याप्त ऑक्सजीन नहीं था, ऐसे मे वहां पर ज्यादा बेड नहीं बढ़ाए जा सकते थे। लेकिन अब जब दिल्ली को मांग के मुताबिक ऑक्सीजन मिला है, ऐसे में अस्पतालों को भी बेड बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं। सीएम ने उम्मीद जताई है कि ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ने से अब दिल्ली में कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी और इस कोरोना संकट से प्रभावी अंदाज में लड़ा जा सकेगा।
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जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में ऑक्सीजन का महासंकट देखने को मिला है। सरकार ने तो ये मुद्दा लगातार उठाया ही है, इसके अलावा तमाम बड़े अस्पतालों ने भी बताया है कि उनके पास कुछ ही घंटों का ऑक्सीजन स्टॉक रह जाता है। कम ऑक्सीजन की वजह से दिल्ली में कई मरीज अपना दम तोड़ चुके हैं।
कोर्ट ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की है और केंद्र से दिल्ली को तुरंत ऑक्सीजन देने के आदेश दिए हैं। अब उस फटकार का जमीन पर असर दिखने लगा है। दिल्ली को उसकी डिमांड अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। ऐसे में अब कब तक इस बिगड़ी हुई ही स्थिति को कंट्रोल में लाया जाता है, इस पर सभी की नजर रहने वाली है।
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दिल्ली के कोरोना मीटर की बात करें तो 24 घंटे में राज्य में 20960 नए मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं 311 लोगों ने अपनी जान गवा दी है। राज्य में बीते कुछ दिनों से मामले कम होते दिखे हैं, संक्रमण दर भी 30 प्रतिशत से नीचे आया है, लेकिन मौत के आंकड़े अभी भी डरा रहे हैं। दिल्ली में लगातार 300 से ज्यादा लोग अपना दम तोड़ रहे हैं। अब बढ़ती मौत का जिम्मेदार सिर्फ कोरोना को नहीं माना जा रहा है, बल्कि विफल स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका ठीकरा फोड़ा जा रहा है।