Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

छेनू गिरोह के सरगना को जमानत देने से दिल्ली हाईकोर्ट ने किया इंकार

Delhi High Court

Delhi High Court

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता में हुई हत्या के मामले में गिरफ्तार एक गिरोह के कथित सरगना को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इरफान की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने कहा कि उसका पिछला रिकॉर्ड   बहुत खराब और खतरनाक   है और इस समय उसकी रिहाई उन सभी अन्य लंबित मामलों के लिए घातक होगी जहां गवाह एक के बाद एक मुकर रहे हैं। अदालत ने कहा,   कोई भी इस तथ्य को नहीं भूल सकता है कि याचिकाकर्ता जघन्य प्रकृति के 25 मामलों में शामिल है और अभियोजन पक्ष उसके कुख्यात छेनू गिरोह का सरगना होने का दावा करता है।

न्यायमूर्ति ने दो सितंबर को दिए गए अपने आदेश में कहा,   याचिकाकर्ता के खिलाफ 14 मामले अब भी विचाराधीन हैं और इस समय उसकी रिहाई उन लंबित मामलों की सुनवाई में बाधा उत्पन्न कर सकती है।

अदालत ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया कि वह कथित हत्या के स्थान पर मौजूद नहीं था। अदालत ने कहा कि साजिश के तहत अपराध के लिए प्रत्यक्ष मौजूदगी जरूरी नहीं है।

अभियोजन का आरोप है कि गिरोह के सरगना याचिकाकर्ता ने अंतर गिरोह प्रतिद्वंद्विता के कारण साजिश रची थी। ऐसे हालात में याचिकाकर्ता की मौके पर उपस्थिति आवश्यक नहीं है क्योंकि साजिशें गुप्त रूप से रची जाती हैं। न्यायमूर्ति ने कहा कि हर साजिशकर्ता अपराध करने में उसे सौंपी गई भूमिका निभाता है।

जेल में बंद बाहुबली विजय मिश्रा से शिवपाल यादव करेंगे मुलाक़ात

अदालत ने अपने फैसले में कहा,   इस मामले के पूरे तथ्यों और परिस्थितियों, याचिकाकर्ता के आचरण और पूर्व में अपराध करने की उसकी प्रवृत्ति को देखते हुए मैं याचिकाकर्ता की जमानत स्वीकार करने का पक्षधर नहीं हूं।

अभियोजन पक्ष ने जमानत देने का विरोध किया और दावा किया कि याचिकाकर्ता ने अपने भाई और अन्य सह-आरोपियों के साथ साजिश में अहम भूमिका निभाई और अपने गिरोह के सदस्यों की हत्या का बदला लेने के लिए लक्ष्यों की पहचान की। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसे साजिश के आरोपों में झूठा फंसाया गया क्योंकि वह मौके पर मौजूद नहीं था। मामले में पीडÞित की 2017 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सह आरोपी ने   अत्याधुनिक स्वचालित हथियार   से गोली मार कर हत्या कर दी थी।

Exit mobile version