नई दिल्ली| कोविड-19 के कारण उपजी स्थिति को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय भी सत्र सुचारू रूप से चल सके इसके लिए अपने पाठ्यक्रम में कमी कर सकता है। डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया हम उन तमाम संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं जिससे छात्रों का सेमेस्टर प्रभावित न हो। ज्ञात हो डीयू सितंबर के अंतिम सप्ताह से या उसके बाद स्नातक का दाखिला शुरू कर सकता है। ऐसे में डीयू के समक्ष एक सेमेस्टर बचाने की चुनौती भी है।
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डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, आईसीएससी व अन्य संस्थानों ने भी अपने पाठ्यक्रमों में कटौती की है। हम लोग भी उस दिशा में सोच रहे हैं। अभी यह तय नहीं है कि पाठ्यक्रम में कितनी कटौती होगी। ज्ञात हो कि सीबीएसई ने 30 फीसद तक तथा आईसीएससी ने 25 फीसद की कटौती अपने पाठ्यक्रम में की है। हालांकि अभी किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने इस तरह की कटौती की घोषणा नहीं की है।
छुट्टियां में हो सकती है कटौती
कोरोना संक्रमण के कारण छात्रों की जो पढ़ाई बाधित होगी उसे शीत कालीन अवकाश में पूरा करने की योजना है। इसके अलावा अन्य छुट्टियों को भी या तो रद किया जाएगा या उसमें कटौती की जाएगी। सेमेस्टर ब्रेक के दौरान जो छुट्टियां होती थी उसमें किए जाने की संभावना है।
परास्नातक के दाखिला में होगी और देरी
डीयू में स्नातक, परास्नातक, एमफिल व पीएचडी के लिए आवेदन प्रक्रिया 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। सितंबर माह में डीयू की प्रवेश परीक्षाएं होंगी इसके बाद दाखिला होगा। लेकिन स्नातक की तुलना में परास्नातक के दाखिला में और देरी होगी। बहुत संभावना है कि दूसरे विश्वविद्यालयों के भी परास्नातक अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणाम अक्टूबर तक आएं। डीयू में 10 अगस्त से ओपन बुक परीक्षा निर्धारित है। यह परीक्षाएं अगस्त अंत तक होनी है उसके बाद कापियां चेक की जाएंगी। फिर परिणाम जारी किया जाएगा।
क्यों आवश्यक है पाठ्यक्रम में कटौती
डीयू में आमतौर से हर साल 20 या 22 जुलाई से नया सत्र शुरू हो जाता था और नवंबर-दिसंबर तक पहले सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित हो जाती थी। लेकिन इस बार 31 जुलाई तक आवेदन की तिथि ही है। इसके बाद 1 अगस्त से 31 अगस्त तक छात्रों को फार्म में अपडेट करने का विकल्प दिया जा रहा है। उसके बाद सितंबर में प्रवेश परीक्षाएं आयोजित होंगी। उसके बाद उनका परिणाम आएगा। इस बीच डीयू सितंबर के अंत तक अपनी पहली कटऑफ लिस्ट जारी करेगा। बहुत संभावना है कि अक्टूबर में दाखिला समाप्त हो। ऐसे में पहले सेमेस्टर में छात्रों को पढ़ाई के लिए काफी कम समय मिलेगा। इसलिए पाठ्यक्रम कम करने पर विचार किया जा रहा है।
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बिना पाठ्यक्रम कटौती के भी हो सकता है समाधान
डीयू के एक वरिष्ठ प्रोफेसर का कहना है कि बिना पाठ्यक्रम में कटौती के भी सेमेस्टर पूरा किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए पहले शीत कालीन अवकाश और बाद में ग्रीष्मकालीन अवकाश में कमी करनी होगी। हालांकि हमें अभी यूजीसी के एक और एकेडमिक कैलेंडर का इंतजार है।