प्रयागराज। अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की नींव रखेंगे। हालांकि अब भूमि पूजन पर रोक की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कोरोना वायरस के कारण भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग की गई है। दिल्ली के पत्रकार साकेत गोखले ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पीआईएल भेजी है।
पीआईएल में कहा गया कि भूमि पूजन कोविड-19 के अनलॉक-2 की गाइडलाइन का उल्लंघन है. इसमें कहा गया कि भूमि पूजन में तीन सौ लोग इकट्ठे होंगे, जो कि कोविड के नियमों के खिलाफ होगा. लेटर पिटीशन के जरिए भूमि पूजन के कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि इस कार्यक्रम के होने से कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ेगा. याचिका में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र की गाइडलाइन में छूट नहीं दे सकती है. याचिका में बकरीद का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कोरोना वायरस के इस काल में भीड़ इकट्ठा होने की वजह से बकरीद पर सामूहिक नमाज की भी इजाजत नहीं दी गई है.
कौन है पक्षकार?
चीफ जस्टिस से लेटर पिटीशन को पीआईएल के तौर पर मंजूर करते हुए सुनवाई कर कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। वहीं अब अगर लेटर पिटीशन मंजूर हुई तो चीफ जस्टिस के जरिए नामित बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी। पिटीशन में राम मंदिर ट्रस्ट के साथ ही केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है। बता दें कि विदेशों में कई अखबार में काम कर चुके साकेत गोखले सोशल एक्टिविस्ट भी हैं।