नई दिल्ली| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने छात्रों की परिसर में वापसी के लिए दिल्ली सरकार से सुविधा देने की मांग की है। इस बाबत छात्र संघ ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है।
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हालांकि बहुत से छात्र दिल्ली में ही फंस गए। जेएनयू एक शोध आधारित विश्वविद्यालय है, लेकिन महामारी के दौरान विवि बन्द होने से छात्रों के शोध कार्य प्रभावित हैं, जो इंटरनेट, पुस्तकालय जैसी सुविधा न मिलने की वजह से खतरे में पड़ सकते हैं। वहीं, अंतिम सेमेस्टर वाले छात्रों को 31 दिसंबर तक थीसिस जमा करनी है।
वहीं, 16 से 25 सितम्बर के बीच होने वाली यूजीसी नेट की परीक्षा में कई छात्रों ने परीक्षा केंद्र दिल्ली-एनसीआर के पास रखा है। वहीं, जो छात्र बंदी के दौरान अस्थायी इंतजाम कर दिल्ली-एनसीआर में रुक गए थे, वे वापसी के लिए विवि प्रशासन को कई पत्र लिख चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने मना कर दिया है।
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जेएनयू छात्र संघ ने परिसर में छात्रों की चरणबद्ध वापसी के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित करने की सलाह दी है, जिसमें छात्रों के मेडिकल, 14 दिन के आइसोलेशन को कहा जाए। छात्र संघ के मुताबिक एडीएम महरौली ने 15 मई के पत्र में यह प्रस्ताव दिया था। वहीं डीयू, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी बॉम्बे छात्रों की वापसी के लिए इसी तरह की योजना बना रहे हैं , जिसके तहत टास्क फोर्स बनाई जा रही है।