रुस में विपक्ष के नेता एलेक्सी नावालनी की पत्नी युलिया नावालनी को मास्को में अनाधिकृत विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया है।
राष्ट्रीय मीडिया ने रविवार को इस आशय की जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक जेल में बंद श्री नावालनी की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने रविवार काे कई शहरों में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भाग लेने वाले कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
इससे पहले रूस की एक अदालत ने शुक्रवार को श्री नावालनी के करीबी सहयोगियों लुबोव सोबोल, मॉस्को में उनकी टीम के समन्वयक ओलेग स्टेपानोव, एलेक्सी के भाई ओलेग नावालनी और पुस्सी रोट की सदस्य मारिया एलोखिना को कोरोना महामारी के दिशा निर्देशों के उल्लंघन के आरोप में घर में नजरबंद करने का आदेश दिया।
अदालत के प्रवक्ता ओल्गा बोंदरेवा ने बताया कि मास्को के टावर्सकोय जिला अदालत ने संदिग्ध लुबोव सोबोल को महामारी के दिशा निर्देशों के उल्लंघन में 23 मार्च 2021 तक घर में नजरबंद करने का फैसला किया है।
श्री बोंदरेवा ने बताया कि ओलेग नवेलनी, स्टेपानोव और एलोकिना, साथ ही डॉक्टर्स एलायंस के निदेशक अनास्तासिया वासिलिएवा को भी 23 मार्च तक घर में नजरबंद रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने या वकील या करीबी संबंधियों को छोड़कर किसी अन्य से बातचीत करने की अनुमति नहीं है।
गत 28 जनवरी को रूस की एक अदालत ने विपक्ष के नेता एलेक्सी नावालनी की 30 दिन की गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देने से इनकार कर दिया। माॅस्को क्षेत्र के खिमकी सिटी कोर्ट के जज मुसा मुसायेव ने कहा कि नावालनी के मामले में अदालत की ओर से दिए गए फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा।
नावालनी के वकील वादिम कोबजेव ने बताया कि उनकी टीम अदालत के फैसले को चुनौती देना जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस मामले को लेकर अपीलीय अदालत में जायेंगे और यूरोपीय मानवाधिकार अदालत में भी अपील की जायेगी।
दरअसल, 17 जनवरी को जर्मनी से लौटने के तुरंत बाद एलेक्सी नावालनी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें गबन के एक आरोप में दोषी ठहराया गया था।
मास्को की एक अदालत दो फरवरी को नवेलनी के ऊपर लगे धोखाधड़ी के मामले में सजा देने पर विचार करेगी।
गौरतलब है कि रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नावालनी की गिरफ्तारी के विरोध में पिछले शनिवार को देश के कई हिस्सों में उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। सरकार ने इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।