उत्तर प्रदेश के देवरिया सदर विधानसभा पर हो रहे उपचुनाव में चार ब्राह्मण उम्मीदवारों का जोर यहां रोचक चुनावी जंग में दिखना शुरू हो गया है।
देवरिया सदर सीट से भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के बाद हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने मुकुंद भास्कर मणि,भाजपा ने डा.सत्य प्रकाश मणि,सपा ने पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर तिवारी और बसपा ने अभय नाथ त्रिपाठी को चुनावी जंग में उतार कर अपने अपने परम्परागत वोटों के साथ ब्राह्मण वोटों को अपने पक्ष में करने के लिये चुनावी जंग को रोचक बना दिया है।
देवरिया विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 34 हजार 177 है जिसमें ब्राह्मण मतदाता करीब तीस फीसदी हैं। तीस फीसदी ब्राह्मण मतदान को अपने पक्ष में करने के लिए चारों उम्मीदवार पूरा जोर लगा रहे हैं। भाजपा के डा.सत्य प्रकाश मणि पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं। पेशे से यहां के एक पीजी कालेज में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर हैं। अपने सरल स्वभाव के कारण जनता के बीच अपनी अलग पहचान रखते हैं।
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डा.मणि अपने व्यक्तिगत व्यवहार और छवि जाति के मत को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा को उम्मीद है कि यहां पार्टी के परम्परागत वोटों के साथ ही प्रत्याशी को एक मुश्त ब्राह्मण वोट मिलने से भारी मतों से विजय मिलेगी।
समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर तिवारी पुराने दिग्गज नेता हैं।श्री तिवारी को उम्मीद है कि सपा के परम्परागत यादव और मुसलमान वोटों के साथ साथ ब्राह्मण वोट पाकर वह यहां से विजय को गले लगा सकते हैं।श्री तिवारी क्षेत्र में अपना जनसम्पर्क अभियान को गति देते हुए चुनावी रणनीति बनाने में लगे हैं।
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बसपा प्रत्याशी अभय नाथ त्रिपाठी भी अपनी जनेऊ की पहचान बताते हुए ब्राह्मण मतों को अपने पक्ष में मोड़ने का भरसक प्रयास करते दिख रहे हैं और यहां 23 अक्टूबर को ब्राह्मण मतों को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए बसपा के ब्राह्मण नेता के रूप जाने जाने वाले सतीश मिश्रा चुनावी सभा कर ब्राह्मण मतों का मन टटोलने का प्रयास करेंगे।
कांग्रेस उम्मीदवार मुकुंद भास्कर मणि का प्रचार अभियान अभी गति में दिखाई नहीं पड़ रहा है। उन पर दुष्कर्म का भी आरोप है जो उनकी मुसीबत बना है ।