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केदारनाथ धाम पर भक्तों की भीड़ ने तोड़ा रिकॉर्ड, लिमिट से ज़्यादा पहुंचे श्रद्धालु

kedarnath

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देहारादून। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा केदारनाथ (kedarnath) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। हर बार की तरह इस बार भी विधि विधान और मंत्रोचारण के साथ केदारनाथ (kedarnath) के कपाट खोले गए थे। फूलों से सजे भगवान शिव के धाम का भव्य नजारा देखते ही बन रहा था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपनी पत्नी संग भोलेनाथ के द्वार पहुंचे और पूजा-अर्चना की।

केदारनाथ (kedarnath) पर भीड़ से हालात बेकाबू

कोरोना वायरस की महामारी के चलते केदारनाथ धाम (kedarnath Dham) की यात्रा दो साल बाद शुरू हुई है। इस बार केदारनाथ (kedarnath) की यात्रा शुरू हुई तो भक्तों की अनियंत्रित भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। यात्रियों की सुविधा और कोरोना की रोकथाम के लिए तय सीमा से भी कहीं ज्यादा लोग केदारनाथ धाम पहुंचे थे। यह संख्या 25,000 से भी ज्यादा बताई जा रही है। जबकि सरकारी निर्देश में प्रतिदिन केवल 12,000 यात्रियों को ही केदारनाथ धाम जाने की अनुमति है।

गौरीकुंड से मंदिर परिसर तक श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था। यहां तक कि केदारपुरी के पुनर्विकास में बना आस्था पथ भी भीड़ से खचाखच भरा था। यहां हालात उस वक्त बेकाबू हो गए जब कपाट खुलने के बाद मंदिर परिसर में प्रवेश और निकास द्वार ना होने से श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। यात्रियों का हुजूम इस कदर बढ़ रहा था कि भीड़ बेकाबू होने लगी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार को खुद मंदिर के प्रवेश द्वार पर मोर्चा संभालना पड़ा।

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सूत्रों की मानें तो यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम नहीं थे। हालात इतने खराब थे कि भगदड़ और लाठीचार्ज की स्तिथि पैदा हो गई। 2 साल बाद शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में जहां स्थानीय लोगों और भक्तो में उत्साह दिखाई दिया, वहीं प्रशासनिक खामियों की वजह से आगे के दिन काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

चार धाम यात्रा के सीमित श्रद्धालुओं की संख्या

उत्तराखंड सरकार ने चार धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को पहले ही सीमित कर दिया था। सरकारी निर्देश के मुताबिक, प्रतिदिन केवल 15,000 श्रद्धालु ही बाबा बद्रीनाथ के दर्शन करने जा सकेंगे। जबकि केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या 12,000 प्रतिदिन निर्धारित की गई है। वहीं, गंगोत्री धाम के दर्शन करने प्रतिदिन केवल 7,000 श्रद्धालु ही जा सकेंगे। जबकि यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए प्रतिदिन केवल 4,000 श्रद्धालुओं को ही अनुमति मिलेगी।

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