उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आश्वस्त किया कि किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन अथवा दवाओं का कोई अभाव नहीं है और लोगों को आपदा की इस घड़ी में संयम का परिचय देना चाहिये। सरकार हर संक्रमित की जान बचाने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है।
श्री योगी ने समाचार पत्रों के संपादकों से कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम में सरकार की मदद करने की अपील करते हुये रामचरित मानस के दोहे का जिक्र किया “ धीरज धर्म मित्र अरु नारआपद काल परिखिअहिं चारी।। ” का संदेश है। यह भी एक आपदाकाल है, महामारी है। इसे सामान्य वायरल फीवर भर मान लेना भारी भूल होगी। मैं खुद इसकी चपेट में हूँ। 13 अप्रैल से ही आइसोलेशन में रहते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूँ।”
उन्होने कहा कि इस बार की लहर पिछली बार की तुलना में लगभग तीस गुना अधिक संक्रामक है। इस तथ्य को समझते हुए राज्य सरकार द्वारा मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी जरूरी इंतज़ाम किये जा रहे हैं। सरकार की तैयारी पहले से बेहतर है। पिछले दिनों दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा हुई, तो रातों-रात एक से डेढ़ लाख प्रवासी श्रमिकों का आगमन हुआ। हमने बसें लगाई, व्यवस्था की। सभी का टेस्ट कराया और आवश्यकतानुसार क्वारन्टीन किया। यह सारी कार्यवाही त्वरित थी।
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मुख्यमंत्री ने कहा “ हमने सरकारी संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था कर रखी है। निजी संस्थानों में इस व्यवस्था का अभाव था। डीआरडीओ की नवीनतम तकनीक आधारित 18 प्लांट सहित 32 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम हो रहा है। अब हम यहां भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के लिए प्रोत्साहन दे रहे हैं। जब अचानक बेड बढ़ाने पड़े तो कुछ समस्या जरूर हुई,लेकिन तेजी के साथ उस अभाव की पूर्ति कर ली गई। ”
उन्होने कहा कि निजी हो या सरकारी, किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है। समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी है। बीते दो दिन पूर्व एक निजी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना सार्वजनिक कर दी गई, पड़ताल कराई तो पता चला पर्याप्त ऑक्सीजन है। ऐसे लोगों के कारण लोगों में भय बढ़ रहा है। जिसे जरूरत नहीं है वह भी ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए परेशान है। मीडिया जगत को ऐसे लोगों के बारे में जनता को बताया जाना चाहिए। लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
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श्री योगी ने कहा “ हम ऑक्सीजन की प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए हमने आईआईटी कानपुर, आइआइएम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के सहयोग से ऑक्सीजन की ऑडिट कराने जा रहे हैं। ऑक्सीजन मांग-आपूर्ति-वितरण की लाइव ट्रैकिंग कराने की व्यवस्था लागू हो गई है। ऑक्सीजन कहीं कम नहीं है, बशर्ते केवल जरूरतमंद ही इसका इस्तेमाल करें। हर संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं, इस जागरूकता को बढ़ाने में मीडिया से सहयोग अपेक्षित है।
उन्होने कहा “ रेमेडेसीवीर जैसी दवाओं का अभाव नहीं है। जब मांग बढ़ी तब हमने स्टेट प्लेन भेजकर अहमदाबाद से इंजेक्शन मंगवा हर दिन आपूर्ति हो रही है। लेकिन अज्ञानतावश अथवा अनावश्यक भय के आवेश में लोग इस इंजेक्शन की मांग करने लगे। हमें इसकी चिकित्सकीय जरूरतों को समझना होगा। जिसे जरूरत हो वही इस दवा का प्रयोग करे। मीडिया को इस महत्वपूर्ण तथ्य से लोगों को अवगत कराना चाहिए।”
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श्री योगी ने कहा कि बीते तीन दिन से लखनऊ में नए संक्रमित केस की तुलना में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या अधिक है। प्रयागराज और वाराणसी में भी ऐसी ही स्थिति बन रही है। जाहिर है बेड का अभाव नहीं होना है। इसकी हर दिन समीक्षा की जा रही है।
उन्होने कहा “ हमें यह ध्यान रखना होगा कि इस बार की कोविड लहर पिछली लहर की तुलना में 30 गुनी अधिक संक्रामक है। बीते वर्ष फरवरी में जब प्रदेश में पहला केस आया था, तब हमारे पास कोई संसाधन नहीं थे। पहले दिन मात्र 72 टेस्ट हो सके थे आज हर दिन सवा दो लाख टेस्ट हो रहे हैं। हर प्रयोगशाला को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। 10 मई तक हमारी टेस्टिंग कैपिसिटी आज की तुलना में दोगुनी हो जाएगी। ”
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बेड की क्षमता के विस्तार को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अकेले लखनऊ में केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल के साथ-साथ एरा, इंटीग्रल, प्रसाद, हिन्द, मेयो और सक्सेना सहित अनेक निजी मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया है। सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आदि की प्रॉपर सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार की व्यवस्था जिलों में भी लागू की गई है। लखनऊ में हर बड़े हॉस्पिटल के लिए पृथक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। बिना भेदभाव के सभी को बेड्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उन्होने कहा कि टेस्ट हो या ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने सभी के लिए शुल्क की दरें तय कर दी हैं। इससे अधिक शुल्क लेने पर महामारी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई होनी तय है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। 36 जिलों में एक भी वेंटिलेटर नहीं था। आज हर जिले में वेंटिलेटर है। प्रशिक्षित मानव संसाधन है। ऑक्सीजन प्लांट हैं। हम पहले राज्य हैं, जिसने 04 करोड़ टेस्ट किया है। यह हमारी सतर्कता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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श्री योगी ने कहा कि ‘फ्री वैक्सीनेशन फ़ॉर ऑल’ का निर्णय लेने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश है। करीब 8000 केंद्र बनाए गए हैं, एक दिन में करीब साढ़े 06 लाख लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। सभी केंद्रों पर प्रतीक्षालय हैं। आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय सहयता उपलब्ध कराई जा रही है। एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निःशुल्क टीका लगाया जाना है, वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित एक विशेष कमेटी ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
उन्होने कहा कि 16 जनवरी से जब टीकाकरण प्रारम्भ हुआ, तबसे हमने लगातार वैक्सीन की कोल्ड चेन को मेंटेन किया है साथ ही वेस्टेज को रोकने में सफलता पाई है। वैक्सीनेशन का यह नया चरण भी अपने उद्देश्यों में जरूर सफल होगा।
श्री योगी ने कहा कि कुछ लोग भय और दहशत का माहौल बनाने में लगे हैं। सोशल मीडिया पर एक जैसे संदेश अलग-अलग एकाउंट से प्रसारित किया जा रहा है। इन लोगों को चिन्हित किये जाने की जरूरत है। प्रबुद्ध वर्ग से इसमें सहयोग की अपेक्षा है। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का हमारा अभिनव प्रयोग आज देश के विभिन्न राज्य अपना रहे हैं। सभी जिलों में प्रशिक्षित मानव संसाधन हैं।