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सीएम बंगला छोड़ा है, पद नहीं, अंत तक लड़ेंगे: उद्धव ठाकरे

Uddhav Thackeray

Uddhav Thackeray

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने वर्षा बंगला छोड़ा है, ताकि उन्हें लालची न कहा जा सके। उन्होंने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है, अंत तक लड़ूंगा। जो लोग कहते थे कि हम मर जाएंगे लेकिन शिवसेना को कभी नहीं छोड़ेंगे, आज भाग गए। शिवसेना को तोड़ना चाहते हैं बागी। अगर उनमें हिम्मत है तो उन्हें बालासाहेब और शिवसेना का नाम लिये बिना लोगों के बीच जाना चाहिए।

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) शुक्रवार को मुंबई में स्थित सेना भवन में जिला अध्यक्षों की बैठक को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरी गर्दन और सिर में दर्द था, मैं ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। मैं अपनी आंखें तक नहीं खोल पा रहा था लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं थी।

बैठक में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि शिवाजी महाराज हार गए लेकिन लोग हमेशा उनके साथ थे। जो एकनाथ शिंदे आज बगावत कर रहे हैं, उनके बेटे शिवसेना के सांसद हैं। मैंने उनके लिए सब कुछ किया। मेरे पास जो विभाग था, वह भी शिंदे को दे दिया। अब वह मुझ पर कई आरोप लगा रहे हैं।

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उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि यह याद रखना जरूरी है कि किसने किस समय आपके साथ क्या व्यवहार किया। मैंने उस दिन अपने मन में जो था, सब कुछ कह दिया था। मैं आज जो कुछ बचा है उसे भी आप सभी के सामने रख रहा हूं। वर्षा बंगला छोड़ने का मतलब है प्रलोभन छोड़ना, जिद नहीं छोड़ना। उद्धव ठाकरे ने कहा, सपने में भी मैंने नहीं सोचा था कि मैं इस पद के लिए जाऊंगा, मुझे कभी उस पद का मोह नहीं था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली के समय उनकी तबीयत सबसे अधिक खराब थी। उस समय वे हिल तक नहीं पा रहे थे लेकिन कुछ लोग उनकी मौत के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे। बाद में आपरेशन के बाद ठीक हो गया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना का जन्म ही संघर्ष के लिए हुआ है और संघर्ष जारी रहेगा।

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