नई दिल्ली। सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए तीन कृषि कानूनों को कई राज्यों के किसान काला कानून करार देते हैं। किसान लगभग डेढ़ महीने से दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेता विज्ञान भवन की ओर बातचीत के लिए निकल गए हैं। बातचीत के लिए दोपहर दो बजे का समय रखा गया है।
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किसान कानूनों को रद्द करने के लिए जिद कर रहे हैं। सात जनवरी, गुरुवार को प्रदर्शनकारी किसानों नें चेतावनी देते हुए और शक्ति प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसानों का कहना है कि जबतक कानून रद्द नहीं किए जाएंगे तबतक प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं, सरकार का रवैया भी काफी सख्त है, उसका कहना है कि कानून रद्द करने के अलावा किसी भी संशोधन पर विचार किया जा सकता है।
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विज्ञान भवन में इस बातचीत के में सरकार किसानों के लिए एक नया सूत्र। आज की बातचीत में कानूनों पर विचार के लिए एक समिति के गठन पर स्विकृति बन सकती है। बता दें कि नए कृषि कानूनों पर नाराज कुछ राज्यों के प्रदर्शनकारी किसानों को कुछ छूट दी जा सकती है। कृषि मंत्री, खाद्य मंत्री और वाणिज्य राज्य मंत्री आज किसान संगठन के नेताओं के साथ विज्ञान भवन में बातचीत को लीड कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि आज दोनो पक्षों में होने वाली बातचीत बहुत जरूरी मानी जा रही है। 4 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत में किसी भी बात पर सहमती नहीं बनी थी। बता दें कि इससे भी पहले, 30 दिसंबर को, छठी बातचीत में संकेत मिले थे कि दोनों पक्षों में कुछ बात बनी है। इस दौरान सरकार ने आंदोलनकारी किसानों की दो मांगों को मान लिया था। इसके अलावा अन्य दौरों की बातचीत बेनतीजा रही है।