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दिव्यांगता नहीं होती किसी की मोहताज, बालवीर ने किया साबित

Desk by Desk
12/01/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, लखनऊ
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mehnat kabhi kisi ki mohtaj nahi

mehnat kabhi kisi ki mohtaj nahi

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लखनऊ। जिस बालवीर मुहम्मद रियाज को तत्कालीन राष्ट्रपति डा.एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री अटल ब‍िहारी वाजपेयी ने सम्मानित किया था और नौकरी का आश्वासन भी दिया था आज वो रायबरेली रोड के वृंदावन कॉलोनी में चाय बेचकर अपने परिवार का खर्च चला रहा है। जब वह आठ साल का था ट्रेन हादसे में उसने एक बच्ची की जान बचाते हुए अपने दोनों हाथ और एक पैर गंवा दिए थे। आज उसने बालवीर अपने नाम को सार्थक कर दिया।

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आज वह वृंदावन कालोनी सेक्टर-छह स्थित चाय का ठेला लगाकर अपने माता पिता व भाई बहन का किसी तरह पेट पाल रहा है। 17 वर्ष बीत जाने के बाद भी मुहम्मद रियाज को सरकार द्वारा सम्मान ही मिला पर उससे उसका व उसके घर वालों का पेट तो नहीं भरता। रियाज कहते हैं कि 2003 में तत्कालीन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने मुझे सम्मानित करते कहा था तुम बहुत बहादुर बच्चे हो तुमने जो आठ वर्ष की आयुु में अपनी जान की परवह करे बिना एक बच्ची को ट्रेन हादसे से बचाया उसके लिए सम्मान तो कुछ नहीं और कहा कि जब तुम 18 वर्ष के हो जाओगे तो तम्हें नौकरी भी दी जाएगी।

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रियाज ने बताया कि 2017 में इंटर की परीक्षा 85 फीसदी नंबर से पास कर ली थी पर तब से आज तक नौकरी के लिए नेताओं के चक्कर काट रहा हूं। परिवारके लोगो का पालन तो करना हैं,इसलिए चाय का ठेला लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर भी हूं। अब तो सरकार से भी उम्मीद टूट चुकी है। हमारे जैसे दिव्यांगों के लिए मैं यही कहना चाहूंगा कि हिम्मत नहीं हारना चाहिए। किसी के सहारे नहीं दूसरे का सहारा बनने की कोशिश करनी चाहिए।

Tags: APJ Abdul Kalam Azadatal bihari vajpayeeLucknow Newsउत्तर प्रदेशन्यूज़
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