तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रगोरखनाथ मंदिर में एक बार फिर जनता दर्शन किया। इस बार के जनता दर्शन में एक ऐसा वाकया हुआ, जिसके चलते वहां का माहौल कुछ देर के लिए हंसी-मजाक का हो गया।
हुआ यूं कि जनता दर्शन में तीसरे नंबर पर बैठे एक दृष्टिबाधित व्यक्ति के पास जैसे ही मुख्यमंत्री पहुंचे, उसने बिना देर किए मुख्यमंत्री से नौकरी की मांग कर दी। बाेला, महाराज जी मुझे चपरासी की ही नौकरी दे दीजिए। नौकरी न मिलने की वजह से शादी नहीं हो पा रही। वजह सुन वहां मौजूद मुख्यमंत्री समेत सभी लोग हंस पड़े।
चूंकि मुख्यमंत्री उसे पहले से पहचानते थे, इसलिए वह भी मजाक के मूड में आ गए। बाेले, तुम तो कल तक चुनाव का टिकट मांग रहे थे, आज नौकरी पर उतर आए। पहले तय कर लो करना क्या है? हालांकि उसके बाद मुख्यमंत्री ने उसका समस्या से जुड़ा आवेदन पत्र स्वीकार किया और निस्तारण का आश्वासन भी दिया। बाद में मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने बताया कि वह व्यक्ति भटहट का रहने वाला सूरज है, जाे आए दिन मंदिर आता रहता है।
रविवार के जनता दर्शन में गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र से अपनी समस्या लेकर करीब 200 लोग आए हुए थे। मुख्यमंत्री बारी-बारी से सभी के पास गए और समस्या से जुड़ा उनका आवेदन पत्र लिया। बहुत से आवेदन पत्र को उन्होंने तत्काल वहां मौजूद संबंधित अधिकारी को सौंप दिया और समस्या के जल्द निस्तारण का निर्देश दिया। हमेशा की इस बार भी पुलिस और राजस्व के मामले ज्यादा आए।
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इसे लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्याओं का निस्तारण होना सुनिश्चित करें, जिससे लोगों को जनता दर्शन तक आने की जरूरत न पड़े। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बाबा गोरखनाथ के दरबार और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर मत्था टेका और उनकी पूजा-अर्चना की। गोसेवा के बाद उन्होंने मंदिर परिसर का भ्रमण भी किया। सात दिसंबर को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के संबंध से पत्रकारों से बातचीत करने के बाद मुख्यमंत्री वाराणसी के लिए रवाना हो गए।