लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 को कंट्रोल करने के लिए सख्त निर्देश दिए है। योगी ने अस्पतालों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के साथ कहा कि कोरोना मरीजों को अच्छा इलाज देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
कोविड चिकित्सालयों में पर्याप्त संख्या में बेड्स की व्यवस्था की जाए। बेड्स की संख्या में वृद्धि इस प्रकार की जाए, जिससे सरप्लस बेड्स भी उपलब्ध हो सकें: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 19, 2020
योगी ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए हर जिले को तीन से पांच करोड़ रुपए अतिरिक्त उपलब्ध कराए गए हैं। जिलाधिकारी अपने-अपने जिले में इस धनराशि से कोविड-19 के इलाज की सारी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित कर लें।
उन्होंने बताया कि सभी मेडिकल कॉलेज अपने बजट से कोविड-19 के इलाज के लिए दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री खरीद लें। मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराई गई धनराशि का पूरा इस्तेमाल मरीजों के बेहतर इलाज पर किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी प्रकार की उदासीनता बरती गई तो सम्बन्धित प्रिंसिपल की जवाबदेही तय की जाएगी। किसी भी दशा में दवा के अभाव में मरीज का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। बुधवार को मुख्यमंत्री के अधिकारिक ट्विटर पर यह जानकारी दी।
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मुख्यमंत्री योगी ने कांटेक्ट ट्रेसिंग में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके जरिए से कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा का कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाए।
उन्होंने प्रदेश में 80,000 रैपिड एन्टीजन टेस्ट तथा RT-PCR विधि से 45,000 टेस्ट प्रतिदिन करने के लिए सभी प्रयास करने का निर्देश दिया है। 40 लाख 75 हजार से अधिक टेस्ट्स के साथ यूपी कोरोना जांच के मामले में देश का पहला राज्य बन गया है। सीएम ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए टेस्टिंग गतिविधियों को पूरी क्षमता से संचालित करने का निर्देश दिया।
अस्पतालों में सरप्लस बेड के इंतजाम का आदेश
मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड्स की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बेड्स की संख्या में वृद्धि इस प्रकार की जाए कि हर अस्पताल में सरप्लस बेड्स उपलब्ध हों।
50 प्रतिशत एम्बुलेंस कोरोना के लिए हो उपयोग
मुख्यमंत्री ने हर जिले में 50 प्रतिशत ‘108’ तथा एएलएस एम्बुलेंस सेवाओं का उपयोग कोविड प्रकरणों में और बाकी 50 प्रतिशत का उपयोग नॉन कोविड प्रकरणों में करने का भी निर्देश दिया है।