गोण्डा। गोंडा में राजपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का सोमवार देर रात जिलाधिकारी नेहा शर्मा (DM Neha Sharma) ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान विद्यालय में 100 के सापेक्ष केवल 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलने पर डीएम हैरान रह गईं।
जब डीएम (DM Neha Sharma) ने वार्डेन से अन्य छात्राओं के बारे में वार्डन से जानकारी ली तो वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। डीएम (DM Neha Sharma) ने आवागमन रजिस्टर चेक किया तो उसमें छात्राओं का आवागमन का विवरण भी अंकित नहीं मिला।
निरीक्षण के समय अन्य स्टाफ पीआरडी जवान व चौकीदार भी विद्यालय में उपस्थित नहीं मिले। पीआरडी जवान एवं चौकीदार के पास गेट पर किसी भी प्रकार का आवागमन रजिस्टर नहीं मिला। निरीक्षण के दौरान पता चला कि वार्डेन द्वारा 17 अगस्त से कक्षा सात एवं आठ की छात्राओं की उपस्थिति दर्ज नहीं की गयी है। वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति भेजकर धनराशि का भुगतान कराया जा रहा था।
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विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, अव्यवस्था और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । वार्डन सरिता सिंह, पूर्णकालिक शिक्षिका सुषमा पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह एवं पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
19 अगस्त को ही घर चली गई थीं बालिकाएं
जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि वार्डन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में दर्ज होना चाहिए। विद्यालय में इस संबंध में लापरवाही बरती गई है। कई छात्राओं के अभिभावकों ने फोन पर बताया कि उनकी बच्चियां 19 अगस्त को ही घर आ गई थीं। जबकी वार्डन ने छात्राओं के 21 अगस्त को घर जाने की बात कही।