वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन मांगलिक कार्य, मुंडन, शादी-विवाह, बहू का प्रथम बार रसोई स्पर्श, दुकान का उद्घाटन, व्यापार का प्रारंभ और सारे शुभ कार्य किए जाते हैं।
माना जाता है कि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन माता लक्ष्मी की खास पूजा-अर्चना करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन अगर आप नीचे बताए गए कामों में से दो – तीन भी कर लेंगे तो आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी…
– इस दिन लोगों को मीठा खिलाएं और साथ ही जगह-जगह लोगों को शीतल जल पिलाने की व्यवस्था करें।
– साथ ही गर्मी से बचने के लिए जरूरतमंदों को छाता, मटकी और पंखे का दान करें। साथ ही जगह-जगह लोगों को जल पिलाने की व्यवस्था करें।
– मंदिरों में वॉटर कूलर लगवाएं और भंडारा करवाते हुए मिठाई खिलाइएं। इससे आपको उस पुण्य की प्राप्ति होगी जिसका कभी क्षय नहीं हो सकता है।
– अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को श्री विष्णु भगवान की पूजा माता लक्ष्मी के साथ-साथ करना चाहिए।
– श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ और श्री सूक्त का पाठ जीवन में धन, यश, पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति कराएगा।
– अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की पूजा में भगवान विष्णु को पीला पुष्प अर्पित करें और पीला वस्त्र पहनकर घी के 9 दीपक जलाकर पूजा प्रारंभ करें।
– जो लोग बीमारियों से ग्रस्त हैं उनको आज के दिन रामरक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
– अक्षय तृतीया के दिन चांदी के सिक्के और स्वर्ण आभूषणों की खरीददारी कीजिए।
– नए वस्त्र धारण करें और मंदिर में अन्न और फल का दान करें।
– अस्पतालों में मीठा, जल और फल का वितरण करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
– इस दिन अपने मित्रों को और विद्वानों को धार्मिक पुस्तक का दान करने से देव गुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं।
– विद्यार्थियों को इस दिन कठिन परिश्रम का प्रतिज्ञा करना चाहिए। छात्रों को दृढ़ संकल्पित होकर आज ईश्वर के सामने यह संकल्प लेना चाहिए कि हम आज से कठिन परिश्रम करेंगे और माता पिता का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ साथ गुरु का भी आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए क्योंकि माता, पिता और गुरु का आशीर्वाद आज के दिन अनंत गुना फलदायी माना गया है।
– इस महापर्व पर कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं। वाहन खरीद सकते हैं। विवाह और कोई भी शुभ मांगलिक कार्य इत्यादि कर सकते हैं।
– भोजन में सत्तू का प्रयोग करें। इस दिन सत्तू दान का बहुत महत्व है।
– मंदिर में जल का पात्र और पूजा की थाल, घंटी इत्यादि का दान करें।
– इस दिन घर के मंदिर में पूरे 24 घंटे घी का दीपक जलाएं।
– इस दिन श्री रामचरितमानस के अरण्य काण्ड का पाठ करना चाहिए। इस काण्ड में भगवान राम ऋषियों और महान संतों को दर्शन देते हैं और उनके जन्म जन्मान्तर के पुण्य का फल प्रदान करते हैं। इस काण्ड का पाठ करने से भगवान श्री राम की भक्ति प्राप्त होती है।