• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इस दिन न करें अस्थि विसर्जन, रहता है मौत का खतरा

Writer D by Writer D
16/05/2025
in धर्म, फैशन/शैली
0
Immerse Bones

Immerse Bones

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, उसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अगर किसी का अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाज के साथ नहीं होता है तो उसकी आत्मा तृप्त नहीं होती है और उसे मुक्ति नहीं मिलती है। ऐसे मृत व्यक्ति की आत्मा आसपास ही भटकती रहती है। इसीलिए यह आवश्यक है कि अगर किसी की मृत्यु हो, तो उसके बाद उसका पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार भी किया जाए। इसके लिए दिन और तारीखों का भी बहुत महत्व होता है।

हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद तेरहवीं करने की परंपरा है। इसी के साथ ही हिंदू धर्म में अस्थियों का विसर्जन (Immerse Bones) भी किया जाना चाहिए। लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें अस्थियों को कब विसर्जित किया जाए, और कब नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं होती है। अंतिम संस्कार में मृत शरीर को अग्नि दी जाती है। अंतिम संस्कार की इस प्रक्रिया में देह के जो अंग होते हैं, उसमें से मात्र हड्डियों के अवशेष ही बचते हैं। ये अवशेष भी काफी हद तक जल जाते हैं और इन्हीं को अस्थियों के रूप में रखा जाता है।

कब नहीं करना चाहिए अस्थि विसर्जन (Immerse Bones) 

पंचक के दौरान अस्थि विसर्जन (Immerse Bones) नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पंचक में अस्थि विसर्जन करने से आस-पास पांच दिनों तक इसी तरह की खबरें सुनने को मिलती हैं। गरुड़ पुराण के मुताबिक, मृतक के अंतिम संस्कार के तीसरे, सातवें, और नौवें दिन अस्थियां इकट्ठा करनी चाहिए। अस्थियां इकट्ठा करने के बाद, दस दिनों के अंदर उन्हें गंगा नदी में विसर्जित करना चाहिए।

और कहां कर सकते हैं अस्थि विसर्जन (Immerse Bones) 

गंगा नदी के अलावा, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों में भी अस्थि विसर्जन किया जा सकता है। अस्थि विसर्जन के लिए, अस्थियों को दूध और गंगाजल से धोकर अस्थिकलश या पीतवस्त्र से बने थैले में रखा जाता है। अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार के हर की पौड़ी घाट काफी मशहूर है।

कौन कर सकता है अस्थि विसर्जन (Immerse Bones) 

अस्थि का विसर्जन वैसे तो कोई भी कर सकता है, लेकिन जिस व्यक्ति ने मृत शरीर का अंतिम संस्कार किया हो, उसी के द्वारा अस्थि विसर्जन भी किया जाना चाहिए। इसके लिए भी कुछ नियम हैं जिनका पालन किया जाना आवश्यक है। यदि अस्थि विसर्जन करने जा रहे हैं तो जो व्यक्ति अस्थियों का विसर्जन करे वो शुद्ध होना चाहिए। खाने पर भी कुछ प्रतिबंध होते हैं।

Tags: Astrology
Previous Post

ऑयल फ्री खाना है, तो तुरंत बनाएं ये चटपटी सब्जी

Next Post

आदेश के बावजूद भी नही शुरू हो सका ककरहवा बॉर्डर से ट्रेड रुट

Writer D

Writer D

Related Posts

Brinjal
Main Slider

अरे! बैंगन में कीड़े हैं… खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

30/07/2025
Balushahi
खाना-खजाना

रक्षाबंधन पर बनाएं हलवाई जैसी बालूशाही, फॉलो करें ये टेस्टी रेसिपी

30/07/2025
Fridge
Main Slider

फ्रिज में जम गई है गन्दगी, इन हैक्स से मिनटों में चमक जाएगा आपका रेफ्रीजिरेटर

30/07/2025
Cracked Heels
Main Slider

फटी एड़ियों पर आजमाएं ये ब्यूटी हैक्स, कोमल और सुंदर हो जाएंगे पैर

30/07/2025
Sawan
धर्म

सावन के तीसरे सोमवार पर बरसेगा महादेव का आशीर्वाद, इन शुभ योग में करें पूजा

30/07/2025
Next Post

आदेश के बावजूद भी नही शुरू हो सका ककरहवा बॉर्डर से ट्रेड रुट

यह भी पढ़ें

प्रणब मुखर्जी का निधन

प्रणव मुखर्जी ने देश के राजनीतिक इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखा : सुबोधकांत

31/08/2020
Deputy CM Keshav Maurya expressed grief

लेह में शहीद हुआ मऊ का लाल, डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने व्यक्त किया शोक

27/02/2021
murder

अवैध संबंध के शक में की थी पत्नी की हत्या, पति गिरफ्तार

04/12/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version