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नवरात्रि पर कन्या पूजन में न करें ये गलतियां, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल

Kanya Pujan

Kanya Pujan

नवरात्रि में दुर्गा माता की पूजा का विशेष महत्व होता है और इससें कन्या पूजन (Kanya Pujan) एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना गया है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की पूजा-अर्चना अधूरी मानी जाती है। कन्या पूजन बालिकाओं को देवी स्वरूप मानकर किया जाता है, लेकिन अगर इस दौरान कुछ गलतियां हो जाएं, तो इसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए कन्या पूजन में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं वो नियम कौन से हैं।

जगह का रखें ध्यान

जिस जगह आपको कन्या पूजन (Kanya Pujan) कराना हो, वो जगह साफ और पवित्र जरूर होनी चाहिए। गंदी या अव्यवस्थित जगह पर कन्या पूजा करने से देवी कृपा प्राप्त नहीं होती है। इसलिए कन्या पूजन से पहले पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई कर लेनी चाहिए।

बिना स्नान के न करें कन्या पूजन (Kanya Pujan) 

जिस तरह किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले स्नान करना जरूरी होता है, ठीक वैसे ही कन्या पूजन (Kanya Pujan) से पहले भी स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है। कन्या पूजन से पहले खुद स्नान जरूर करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। इसके बाद घर आई कन्याओं के हाथ-पैर धुलवाने चाहिए।

इतनी हो कन्याओं की संख्या

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कन्या पूजन (Kanya Pujan) के लिए हमेशा 2, 5, 7 या 9 कन्याओं को आमंत्रित करना शुभ माना गया है। विषम संख्या जैसे 1, 3, 6 या 8 कन्याओं का पूजन करना अनुचित माना जाता है। इसलिए कन्या पूज के लिए हमेशा 2, 5, 7 या 9 कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए।

बुरा व्यवहार न करें

कन्या पूजा (Kanya Pujan) के समय मन में क्रोध, अहंकार या नकारात्मक विचार को मन में न आने दें। कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए उनके प्रति अपमानजनक व्यवहार न करें और उनसे सम्मानपूर्वक बात करें। पूरी श्रद्धा और प्रेमभाव से कन्याओं की सेवा करें और उनका पूजन करें।

कन्याओं को खाली हाथ न जानें दें

कन्या पूजन (Kanya Pujan) के बाद उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार उपहार, दक्षिणा, फल या कपड़े देने चाहिए। कन्या पूजन के बाद कभी भी कन्याओं को खाली हाथ विदा नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और अगर आप ऐसा करते हैं, देवी दुर्गा अप्रसन्न हो सकती हैं।

बासी भोजन न कराएं

कन्या पूजन (Kanya Pujan) के लिए हमेशा सात्विक भोजन बनाना चाहिए, जिसमें प्याज-लहसुन का इस्तेमाल न हो। घर आईं कन्याओं को ताजा और शुद्ध भोजन ही अर्पित करना चाहिए। कन्या पूजन के दौरान बासी या झूठे हाथ लगा भोजन देना अशुभ माना जाता है।

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