• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सकट चौथ के व्रत में न करें ये गलतियां, विघ्नहर्ता हो जाएंगे कुपित

Writer D by Writer D
16/01/2025
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
sakat chauth

sakat chauth

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू धर्म शास्त्रों में सकट चौथ के व्रत को बहुत विशेष माना गया है। हर साल माघ महीने की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ (Sakat Chauth) के व्रत को रखने का विधान है। ये दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश के लिए रखा जाता है। व्रत का पारण चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद ही किया जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ का व्रत करने वालों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। सकट चौथ का व्रत करते हुए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते है कौन-कौन सी बातें हैं।

कब है सकट चौथ (Sakat Chauth) का व्रत

पंचांग के अनुसार, माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी दिन शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और 18 जनवरी दिन शनिवार को सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 17 जनवरी दिन शुक्रवार को ही सकट चौथ का व्रत रखा जाएगा। इस दिन शाम के समय 7 बजकर 32 मिनट पर चंद्रोदय होगा।

काले वस्त्रों मेंं पूजा न करें

हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान गणेश की सबसे पहले पूजा की जाती है। मान्यता है कि जहां गणेश जी की पूजा को जाती है, वहां शुभ ही शुभ होता है। इसलिए सकट चौथ (Sakat Chauth) के व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा काले वस्त्र पहनकर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि काला रंग अशुभता का प्रतीक माना गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों में काले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करना वर्जित माना गया है। सकट चौथ के व्रत के दिन लाल रंग का वस्त्र पहनकर भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है।

तुलसी न चढ़ाएं

सकट चौथ (Sakat Chauth) के दिन भगवान गणेश को पूजा के समय भूलकर भी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उन्हें दूर्वा घास चढ़ानी चाहिए।

अर्घ्य के जल के छीटें पैरों में नहीं पड़ने चाहिए

सकट चौथ के व्रत वाली शाम को चंद्रमा को दूध और अक्षत मिश्रित जल देने का विधान है। लेकिन ध्यान रहे कि अर्घ्य के जल के छीटें पैरों पर न पड़ें।

सकट चौथ (Sakat Chauth) के व्रत का महत्व

धार्मिक ग्रंथों में सकट चौथ (Sakat Chauth) के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश के साथ सकट माता का भी पूजन किया जाता है। इस व्रत को करने से संतान के साथ रिश्ते मजबूत बनते हैं। साथ ही उसे दीर्घायु का आर्शीवाद मिलता है। घर में सुख समृद्धि का वास बना रहता है।

Tags: sakat chauth ke niyam
Previous Post

रोजाना घर में दीपक जलाने से बनी रहती है सुख-समृद्धि

Next Post

सकट चौथ पर जरूर लगाएं भगवान गणेश को तिलकुट का भोग

Writer D

Writer D

Related Posts

Sunscreen
फैशन/शैली

सनस्क्रीन से चेहरा दिखने लगता है सफेद और चिपचिपा, तो फॉलो करें ये टिप्स

29/09/2025
lips
फैशन/शैली

फटे होंठों को बनाए कोमल, आज़माएँ ये उपाय

29/09/2025
Shifting tips
फैशन/शैली

नए घर में शिफ्टिंग करना होगा आसान, बस फॉलो करें ये टिप्स

29/09/2025
reuse of old clothes
फैशन/शैली

पुराने कपड़ों की मदद से अपने घर को दें नया लुक, यहाँ से लें आइडिया

29/09/2025
Arbi Fry
खाना-खजाना

नवरात्रि व्रत में खाने के लिए बनाएं अरबी फ्राई, फलाहार थाली का बढ़ जाएगा जायका

29/09/2025
Next Post
Ganesh Chaturthi

सकट चौथ पर जरूर लगाएं भगवान गणेश को तिलकुट का भोग

यह भी पढ़ें

Suicide

फंदे पर लटका मिला कथावाचिका का शव

25/02/2023
murder

किन्नर की चाकू से गोदकर हत्या, घर में मिला रक्तरंजित शव

02/02/2022
Parliament

लोकसभा में किशोर न्याय बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण संशोधन विधेयक पेश

15/03/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version