नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के दिशा-निर्देशों पर गौर किया है। बुधवार को कहा कि प्राधिकारियों को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के घर के बाहर पोस्टर और ‘साइनेज’ नहीं लगाने चाहिए।
Supreme Court says that affixing posters by State Government authorities outside the homes of #COVID19 patients, divulging their identities, is not required unless there is a direction from a competent authority. pic.twitter.com/gcFYBsesgV
— ANI (@ANI) December 9, 2020
कोर्ट ने साथ ही कहा कि अगर योग्य प्राधिकारी आपदा प्रबंधन कानून के तहत विशेष निर्देश जारी करते हैं, तो इस प्रकार के पोस्टर विशेष मामलों में ही लगाए जा सकते हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के घरों के बाहर पोस्टर नहीं चिपकाने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा है।
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न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह भी पीठ में शामिल थे। पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि केंद्र ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसलिए राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को इस प्रकार के पोस्टर नहीं लगाने चाहिए।
केंद्र ने पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि दिशा-निर्देशों में कोविड-19 मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाने संबंधी कोई निर्देश नहीं दिया गया है। पोस्टर लगाने का मकसद किसी को ‘कलंकित करने की मंशा’ नहीं हो सकता।