धर्म डेस्क। चाणक्य नीति में बताई बातें जीवन के लिए बहुत ही बहुमूल्य हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में जीवन से जुड़ी अनेकों बातों का उल्लेख किया गया है। आचार्य द्वारा बताई गई कुछ नीतियों की हमें गांठ बांध लेनी चाहिए। ऐसी ही चार बातें हैं जो व्यक्ति को अपने किसी सगे संबंधी को भी नहीं बतानी चाहिए। अन्यथा आपको हंसी का पात्र बनना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कौन सी बातों का जिक्र किसी से नहीं करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को पैसे से संबंधित तंगी बात किसी को नहीं बतानी चाहिए। अगर व्यक्ति को व्यापार में नुकसान हुआ है, और आर्थिक स्थिति खराब चल रही है तो इस बारे में किसी से जिक्र नहीं करना चाहिए। क्योंकि जब किसी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है, इस बारे में जानने के बाद लोग मदद नहीं करना चाहते हैं। जब आपके पास पैसे नहीं होते हैं, और आर्थिक स्थिति खराब होती है तो लोग आपसे दूरी बनाने लगते हैं। इसलिए आर्थिक स्थिति ठीक न हो या आप पर कर्ज हो तो किसी को न बताएं।
चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति कभी भी अपनी निजी बातों का जिक्र किसी के सामने नहीं करते है। चाणक्य के अनुसार स्त्री के चरित्र का जिक्र किसी के सामने नहीं करना चाहिए। पति-पत्नी की बातों में किसी तीसरे व्यक्ति को कभी शामिल नहीं करना चाहिए। नहीं तो वक्त आने पर लोग इसका फायदा उठाते हैं। और आपका सम्मान कम हो सकता है।
चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को अपने दुख के बारे में किसी से नहीं कहना चाहिेए। लोग किसी के दुख को समझने की बजाय पीठ पीछे उपहास उड़ाते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार अपने अपमान का जिक्र भूलकर भी किसी के सामने नहीं करना चाहिए। अगर कहीं पर आपका अपमान हुआ है या किसी ने आपको अपशब्द कहे हैं तो यह बात किसी को बताने से आपको दूसरों के सामने हंसी का पात्र बनना पड़ सकता है। और आपके मान-सम्मान को ठेस पहुंचती है।