7 सितंबर 2025 को साल का सबसे बड़ा खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा पूर्ण चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) । विज्ञान के हिसाब से यह वह समय है जब पृथ्वी की छाया चांद को पूरी तरह ढक लेती है लेकिन वेदिक ज्योतिष में इसे सिर्फ आकाशीय घटना नहीं, बल्कि एक गहरी ऊर्जा का खेल माना जाता है। मान्यता है कि इस समय राहु चंद्रमा को निगल लेता है। चूंकि चंद्रमा हमारे मन और भावनाओं का स्वामी है, इसलिए ग्रहण (Chandra Grahan) के दौरान मन अशांत और अस्थिर हो सकता है।
हर व्यक्ति पर इसका असर उसकी कुंडली और चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करता है फिर भी, कुछ आसान उपाय ऐसे हैं जिनसे इस समय को शांत और सकारात्मक बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं वेदिक परंपरा से जुड़े 6 सरल उपाय।
घर को साफ-सुथरा रखें
ग्रहण (Chandra Grahan) के समय घर में बिखराव या ज्यादा सामान होने से मन और भारी हो सकता है। ऐसे में अनावश्यक चीजें हटाएं और घर को साफ रखें। साफ-सुथरा माहौल मन को हल्का करता है।
धरती से जुड़ें
ग्रहण के दौरान मन अस्थिर हो सकता है। इस समय नंगे पैर मिट्टी पर चलना, गहरी सांस लेना या मंत्र जप करना मन को स्थिर बनाता है।
शांति का माहौल बनाएं
वेदिक मान्यता है कि ग्रहण के समय नए काम शुरू नहीं करने चाहिए। घर में भी हल्का और शांत माहौल रखें। तेज रोशनी बंद करें, परदे खींच लें और दीपक या हल्की रोशनी में समय बिताएं।
इरादों से सजाएं घर
ग्रहण आत्मचिंतन का समय होता है, देखें कि आपका बेडरूम आरामदायक है या नहीं, आपकी रसोई सेहत को बढ़ावा देती है या नहीं। घर को इस तरह सजाएं कि वह आपके जीवन के इरादों को मजबूत करे।
पानी को ताजा रखें
चंद्रमा और पानी का गहरा संबंध है इसलिए पीने का पानी ताजा रखें, रुका हुआ पानी हटा दें और चाहें तो घर में फूलों का गुलदस्ता या छोटा फव्वारा रखें । इससे मन शांत और हल्का महसूस होगा।
एक शांत कोना बनाएं
ग्रहण के दौरान मन को भटकने से रोकने के लिए घर में एक शांत कोना ध्यान, पढ़ाई या लेखन के लिए तय करें। यह आपकी मानसिक ऊर्जा को संभालेगा।
कुंडली में ग्रहण का असर
यह ग्रहण मीन राशि में होगा। अगर यह आपकी चतुर्थ भाव में पड़ेगा तो घर-परिवार से जुड़े मामले उभर सकते हैं। सप्तम भाव में होने पर रिश्तों पर असर दिख सकता है। दशम भाव में करियर और कामकाज से जुड़ी चुनौतियां आ सकती हैं।