ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु (Rahu-Ketu) की महादशा तथा अंतरदशा के अंतर्गत व्यक्ति के जीवन में कई तरह से उतार चढ़ाव आते है। ग्रहों में राहु और केतु बहुत ही खतरनाक ग्रह माना जाता है। इनका तो नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। कहते हैं यह व्यक्ति को लगभग 42 साल तक परेशान करते हैं।
राहु और केतु (Rahu-Ketu) के दोष के कारण ही कालसर्प दोष का निर्माण होता है। इन ग्रहों का संबंध व्यक्ति की मानसिक स्थिति, शारीरिक स्वास्थ्य, और पारिवारिक जीवन से होता है। जब किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु का अशुभ प्रभाव होता है, तो उसका जीवन कष्टों और परेशानियों से भर जाता है। मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, शारीरिक समस्याएं, और पारिवारिक कलह जैसी दिक्कतें सामने आने लगती हैं।
राहु-केतु (Rahu-Ketu) दोष के उपाय
– कुंडली में राहु और केतु (Rahu-Ketu) के दोष से बचने के लिए घर में भगवान श्री कृष्ण की कालियां नाग के ऊपर नृत्य करते हुए फोटो रखें। साथ ही इस तस्वीर के सामने रोजना ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः: मंत्र का 108 बार जाप करें। कहते हैं इससे राहु-केतु का उग्र प्रभाव कम होता है।
– राहु-केतु (Rahu-Ketu) के प्रभाव को कम करने के लिए पंचमुखी शिवलिंग के सामने बैठकर ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। कहते है इससे राहु-केतु के दुष्प्रभाव को कम करने के साथ मानसिक शांति प्राप्त होती है।
– राहु-केतु (Rahu-Ketu) को प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष में रोजाना पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। इसके साथ ही मिठाई और भोजन चढ़ाएं। कहते हैं ऐसा करने से पितृदोष से भी मुक्ति मिलती और राहु-केतु के प्रभाव को शांत करता है।
– राहु के प्रभाव से बचने के लिए नीले रंग के कपड़े पहनें। वहीं केतु दोष को कम करने के लिए गुलाबी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
– राहु के अशुभ प्रभाव को कम करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन गोमेद रत्न को धारण करें। यह गोमेद रत्न को धारण करें।